सरसों बिजाई का समय बीतने की ओर, कम नहीं हो रही गर्मी, किसानों को फसल खराब होने की चिंता

देवेंद्र यादव : महेंद्रगढ़
क्षेत्र की रबी की मुख्य फसल सरसों की बिजाई का समय लगभग जाता जा रहा है। 20 अक्टूबर तक ही सरसों की बिजाई के लिए मुख्य समय माना जाता है। मगर इन दिनों पड़ रही जबरदस्त गर्मी के कारण किसानों को फसल खराब होने का डर सता रहा है। जिसके कारण किसान बिजाई में थोड़ा इंतजार कर रहे हैं। जिला में करीब एक लाख हेक्टेयर पर सरसों की बिजाई की जाती है, मगर आधा अक्टूबर बितने के बाद अभी तक मुश्किल से 50 हजार हेक्टेयर पर ही बिजाई हो पाई है। ऐसे में सरसाें का उत्पादन कम होने की चिंता भी किसानाें को सताने लगी है। हालांकि अभी बिजाई में कुछ समय है तथा तापमान भी कम होने की संभावना है।
महेंद्रगढ़ जिले में मुख्य फसलों में से सरसों की फसल एक है। यह यहां की नगदी फसल मानी जाती है। यहां पर अधिकांश किसान सरसों की खेती करते हैं। जिला में कुल एक लाख 50 हजार हेक्टेयर खेती योग्य जमीन में से करीब एक लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर सरसों की खेती की जाती है। इस बार सरसों के दाम भी बहुत अच्छे हैं। इसलिए किसानों का रुझान भी सरसाें की फसल की ओर ज्यादा होने लग गया है। जिसके चलते इसके बौने का निर्धारित रकबा भी इस बार बढ़ता दिखाई दे रहा है। आमतौर पर सरसों की फसल की बुआई दस अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक ही की जाती है। इससे पहले की बुआई अगेती तथा बाद की बुआई पछेती मानी जाती है। ज्यादा उत्पान के लिए किसान 10 से 15 अक्टूबर तक ही सरसों की फसल की ज्यादा बुआई की जाती है।
कृषि विशेषज्ञों का भी मानना है कि दस से 15 अक्टूबर तक की बुआई की गई फसल में ज्यादा पैदावार होती है। मगर इस बार ज्यादा गर्मी पड़ने की वजह से किसान फसल बुआई में देरी कर रहे हैं, जो किसानों के लिए सही भी नहीं है। इन दिनाें अधिकतम तापमान 36 से 37 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 19 से 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है। जबकि सरसों की बुआई के समय दोनों तापमान मिलाकर 27 डिग्री के आसपास होने चाहिए।
इतने तापमान में नहीं पड़ते कीट, फसल भी होती है अच्छी
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि 27 डिग्री तापमान तथा 10 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक बुआई करने पर फसल अच्छी होती है तथा फसल में किसी प्रकार के कीट लगने की भी संभावना नहीं रहती। इसलिए किसानाें को इस दौरान फसल की बिजाई कर लेनी चाहिए।
इस बारे में कृषि विशेषज्ञ योगेश यादव ने बताया कि तापमान ज्यादा होने से सरसाें में कीट लगने की संभावना होती है। उन्हाेंने बताया कि अगर तापमान ज्यादा होता है तो चितकबरा कीट लगने की संभावना होती है, मगर अभी सरसों बिजाई में समय शेष है। उम्मीद है कि तीन-चार दिन में तापमान भी कम हो जाएगा तथा किसान तेजी से सरसों की बिजाई करेंगे। सरसों की बिजाई के लिए दस अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक का समय मुख्य होता है। वहीं दस से 15 अक्टूबर के बीच की गई बिजाई से उत्पादन अच्छा होता है।
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