LIVE : हरियाणा में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का ट्रैक्टर मार्च

Haryana : किसानों ने तीन कृषि कानून के विरोध में ट्रैक्टर रैली का किया है जिसमें हजारों की संख्या में ट्रैक्टर शामिल हैं। किसान ट्रैक्टर मार्च निकालकर अपनी ताकत दिखा रहे हैं। केएमपी-केजीपी से मार्च निकाल दिल्ली का घेराव करेंगे। किसानों का कहना है कि अगर यह तीन कृषि काले कानून नहीं वापस लिए गए तो हमारा आंदोलन जारी रहेगा। किसानों के ट्रैक्टर मार्च को लेकर प्रशासन भी मुस्तैद, जगह-जगह लगाए गए नाके, ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त है।
ठंड के मौसम के बावजूद सुबह से ही उत्साही किसानों का केएमपी पर आसौदा-मांडोठी टोल पर पहुंचना शुरू हो गया था। ट्रैक्टरों में बज रहे देशभक्ति सहित ओजस्वी गानों व राष्ट्रध्वज से किसानों का जोश सातवें आसमान पर था। केएमपी पर हजारों किसानों ने शांतिपूर्वक तरीके से ट्रैक्टर रैली निकाली और केंद्र सरकार को चेताया कि तीनों काले कानूनों को अगर रद्द नहीं किया तो 26 जनवरी को दिल्ली के राजपथ पर किसान ऐसे ही ट्रैक्टर परेड करेंगे।
वीरवार को एक तरफ जहां पंजाब के किसानों ने टीकरी बॉर्डर से केएमपी की तरफ कूच किया। वहीं दूसरी ओर बहादुरगढ़ के ग्रामीण इलाके से भी कतारबद्ध होकर ट्रैक्टर यहां पहुंचने लगे। रोहतक की तरफ से भी ट्रैक्टरों की कतार ने केएमपी के एंट्री प्वाइंट को जाम कर दिया। सुबह 10 बजे से लेकर 3 बजे तक केएमपी पर एंट्री करने वाले टै्रक्टरों की कतार नहीं टूटी। किसान नेता सरदार बूटा सिंह ने कहा कि आज सत्ता के घमंड में चूर सरकार को किसानों की ताकत का अहसास कराने के लिए यह कदम उठाया गया है। करीब डेढ़ महीने से दिल्ली बॉर्डर पर अपने हकों की मांग के लिए किसान धरना दे रहे हैं। बच्चे, महिलाएं व बुजर्ग भी इस आंदोलन में शामिल हैं। सर्दी के मौसम में 50 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका में एक प्रदर्शन में महिला की मौत पर ट्वीट करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर संवेदना तक प्रकट नहीं की। उन्होंने दोहराया कि किसान 26 जनवरी को लेकर पूरी तैयार हैं। आज की ही भांति प्रत्येक गांव से अधिक से अधिक ट्रैक्टर लेकर किसान दिल्ली पहुंचेंगे। देशभर के लाखों किसान ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली पहुंचेंगे और किसान विरोधी कानूनों को रद करवाएंगे। महम से विधायक बलराज कुंडू तथा पूर्व विधायक आनंद सिंह दांगी ने भी केएमपी टोल पर ट्रैक्टर में सवार किसानों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि अब किसान पीछे नहीं हटेगा। तीनों कानूनों को रद्द करना, एमएसपी पर कानून बनाना किसानों की प्रमुख मांग हैं
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा की 4 जनवरी को सरकार के साथ हुई वार्ता बेनतीजा रहने के बाद किसान नेताओं ने अब आंदोलन को मजबूत करते हुए व्यापक रणनीति बनाई है। हैं।
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