म्यूजिक सिस्टम लगे ट्रैक्टरों को इंपाउंड किए जाने पर किसानों ने काटा बवाल, बोले- किसी भी सूरत में चालान नहीं भरेंगे

म्यूजिक सिस्टम लगे ट्रैक्टरों को इंपाउंड किए जाने पर किसानों ने काटा बवाल, बोले- किसी भी सूरत में चालान नहीं भरेंगे
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किसानों ने कहा, खेतों की जुताई के दौरान किसान म्यूजिक सिस्टम से अपना टाइम पास करता है। म्यूजिक सिस्टम के नाम पर ट्रैक्टरों के भारी भरकम चालान करने तथा इंपाउंड करने को भाकियू बर्दाश्त नहीं करेगी।

जींद। स्पीकर लगे तीन ट्रैक्टरों को पुलिस द्वारा इंपाउंड किए जाने के विरोध में भाकियू ने यातायात थाना में जमकर बवाल काटा और धरना दिया। खफा भाकियू कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की। किसानों ने ट्रैक्टर मालिकों के खिलाफ चालान के तौर पर लगाए गए भारी भरकम जुर्माना भरने से मना कर दिया। आखिरकार डीएसपी रोहताश ढुल यातायात थाना पहुंचे और किसानों को समझा बुझाकर शांत किया और ट्रैक्टरों पर लगे कान फोड म्यूजिक सिस्टमों से ध्वनि प्रदूषण तथा पशु व मानव शरीर पर पड़ने वाले असर के बारे में जानकारी दी। जिस पर किसानों ने भी माना कि कान फोड म्यूजिक सिस्टम लगाना गलत है लेकिन छोटे म्यूजिक सिस्टमों पर रोक नहीं होनी चाहिए। बाद में चालान भरने के बाद तीनों ट्रैक्टरों को छोड़ दिया गया।

भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला के नेतृत्व में भाकियू कार्यकर्ता यातायात थाना पहुंचे। उन्होंने कहा कि म्यूजिक सिस्टमों के नाम पर ट्रैक्टरों को इंपाउंड करना तथा 20 से 22 हजार रुपये के चालान करना सरासर गलत है। खेतों की जुताई के दौरान किसान म्यूजिक सिस्टम से अपना टाइम पास करता है। म्यूजिक सिस्टम के नाम पर ट्रैक्टरों के भारी भरकम चालान करने तथा इंपाउंड करने को भाकियू बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने साफ कहा कि किसान किसी भी सूरत में इंपाउंड किए गए ट्रैक्टरों का चालान नहीं भरेगा। यातायात थाना प्रभारी ने किसानों को चालान भरने के बाद ही ट्रैक्टर छोड़ने की बात कही। किसानों ने दो टूक कहा कि अगर पुलिस ने ट्रैक्टरों को नहीं छोड़ा तो 17 नवम्बर को शहर में स्पीकर लगे ट्रैक्टरों के साथ परेड निकाली जाएगी।

किसानों के बिफरने की सूचना पाकर डीएसपी रोहताश ढूल यातायात थाना पहुंचे। काफी देर तक वार्ता का दौर चलता रहा, किसान स्पीकर लगे ट्रैक्टरों के चालान करने को बेवजह परेशान करने वाला बताते रहे। जबकि डीएसपी कान फोड म्यूजिक सिस्टमों से होने वाले नुकसान के बारे में किसानों को अवगत करवाते रहे। किसानों ने दो टूक कहा कि वे किसी भी सूरत में भारी भरकम चालान को नहीं भरेंगे, जिस पर पुलिस ने बीच का रास्ता निकालते हुए और कम चालान भरने की बात कही। जिस पर चालान भरने के बाद ट्रैक्टरों को छोड़ दिया गया।

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