रोडवेज के आंदोलनरत कर्मचारियों में से प्रधान समेत चार का ट्रांसफर, अब कोर्ट जाने की तैयारी

नारनौल। रोडवेज जीएम पर मनमानी करने का आरोप लगाकर आंदोलन कर रहे कर्मचारियों पर एक और गाज़ गिरी है। धरनारत यूनियन के प्रधान अनिल भीलवाड़ा समेत चार आंदोलनकारी कर्मचारियों का नारनौल से 200-300 किलोमीटर दूर ट्रांसफर कर दिया गया है। इससे आंदोलनकारी कर्मचारियों में रोष व्याप्त है तथा उन्होंने अपना धरना जारी रहा है। इससे पहले गुरुवार को जीएम ने इनके धरने के खिलाफ अदालत से आदेश प्राप्त कर पुलिस सहयोग से बस स्टैंड की परिधि से 200 मीटर दूर खदेड़ दिया था। हालांकि आंदोलनकारी कर्मचारियों का रोडवेज से बाहर भी समर्थन मिलने लगा है तथा उनके सम्मुख ट्रांसफर आदेशों के विरुद्ध कोर्ट का रास्ता खुला हुआ है और वह इसका मन भी बना रहे हैं।
बता दें कि गत 23 नवंबर को प्रात: 11 बजे रोडवेज की सांझा मोर्चा की करीब आठ यूनियनों के पदाधिकारियों द्वारा बस स्टैंड परिसर के पुराने पार्क वाली जगह पर तंबू लगाकर धरना शुरू किया गया था, जिसके विरुद्ध रोडवेज के जीएम नवीन भारद्वाज ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था और अदालत ने उनकी याचिका की सुनवाई करते हुए उनके हक में निर्णय सुनाया था, जिसके अनुसार धरना दे रहे आंदोलनकारी कर्मचारियों का तंबू वहां से उखाड़ दिया गया और उन्हें 200 मीटर की परिधि में ऐसी कोई भी गतिविधि नहीं करने की नसीहत भी पुलिस की ओर से दी गई। जिस पर उक्त कर्मचारियों ने धरने को रेवाड़ी रोड पर सैनी सभा के सामने मोड़ावाला मंदिर के रास्ते पर शिफ्ट कर दिया, जहां दो दिन से धरना दिया जा रहा है।
इस धरने पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने आंदोलन में भाग ले रहे चार कर्मचारियों का नारनौल से सैकड़ों किलोमीटर दूर ट्रांसफर कर दिया है, जिनमें प्रधान अनिल भीलवाड़ा का स्थानांतरण यमुनानगर डिपो, देवव्रत सीहोर का सिरसा, यजुवेंद्र क्लर्क का फतेहाबाद तथा प्रीत्तम बागड़ी का स्थानांतरण सोनीपत में कर दिया गया है।
इस ट्रांसफर पर रोष व्यक्त करते हुए प्रधान अनिल भीलवाड़ा ने जीएम पर तानाशाही करने का आरोप लगाते हुए उनकी जमकर आलोचना की। धरने पर अटेली के पूर्व विधायक नरेश यादव, पूर्व जिला पार्षद सुरेंद्र पटवा, संयुक्त कर्मचारी संघ से स्टेट प्रेस प्रवक्ता सुधीर अहलावत, सर्व कर्मचारी संघ के पूर्व जिला प्रधान महेश यादव, वर्तमान प्रधान कौशल कुमार व राज्य सचिव महेंद्र बोयत तथा हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ से जिला प्रधान हवा सिंह मास्टर ने धरने का समर्थन किया और जीएम पर अनेक गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी कड़ी आलोचना की।
यह हैं कर्मचारियों की मांगे
रोटा सिस्टम लागू करते हुए चालक/परिचालक से समान किलोमीटर करवाने, निरीक्षक/उप निरीक्षक चालक/परिचालक व वर्कशॉप से जितने भी कर्मचारियों की एसीपी पेंडिंग है, उनको इसका लाभ देने, नाजिर व भवन लिपिक की अलग-अलग सीटों पर एक लिपिक की बजाए दो को लगाने, लिपिक की सीट बदलने से पहले संबंधित ब्रांच इंचार्ज से सलाह लेने, लिपिकों की पदोन्नति नहीं होती तब तक वरिष्ठ लिपिकों को आवश्यकता अनुसार ब्रांच इंचार्ज लगाने, अधीक्षक एवं स्थापना सहायक की सीट पर लिपिक से पदोन्नति सीनियर क्लर्क को ही लगाने, सभी आदेशों, बिलों पर ब्रांच इंचार्ज के हस्ताक्षर होने उपरांत ही महाप्रबंधक के सम्मुख प्रस्तुत करने, जिन क्लकार्ें के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं, उनको मुख्य सीटें नाजिर, भवन लिपिक व हेड क्लर्क की बजाए अन्य काम लेने, चालक/परिचालक, निरीक्षक/उप निरीक्षक व वर्कशॉप के कर्मचारियों को पेंडिंग नाईट देने तथा चालक/परिचालक व वर्कशॉप के बचे हुए कर्मचारियों को कन्फर्म करना आदि 21 सूत्री मांगें शामिल हैं।
धरने में भाग लेने वालों की लगेगी एबसेंट
रोडवेज के जीएम नवीन भारद्वाज ने बताया कि 10-12 कर्मचारी धरने की वजह से ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। उनकी एबसेंट लगाई जा रही है। कर्मचारियों की लगभग सभी मांगें पूरी कर दी गई हैं। यदि किसी कर्मचारी की कोई परेशानी है तो वह अब भी उनसे आकर कार्यालय में मिल सकता है। जिन कर्मचारियों की ट्रांसफर हुई है, वह सरकारी आदेशों का हिस्सा है। जब इनकी सभी मांगें मान ली गई हैं तो इनको भी अपनी हठधर्मिता छोड़कर ड्यूटी करनी चाहिए।
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