जींद में दर्दनाक हादसा : कार में आग लगने से परिवार का इकलौते बेटा जिंदा जला, सीट बेल्ट बनी कब्रगाह, फीचर व सेंसर दे गए जवाब

- गांव बिरौली के निकट जींद-रोहतक बाइपास पर के निकट हुआ हादसा
- शरीर के नाम पर महज बचे अवशेष, गाडी नम्बरों से हुई शिनाख्त
- मृतक था परिवार का इकलौता चिराग, रिश्तेदारों को छोडने गया था बस स्टैंड
हरिभूमि न्यूज. जींद
गांव बिरौली के निकट जींद-रोहतक बाइपास पर मंगलवार को एक युवक जिंदा ब्रेजा गाडी में जलकर राख हो गया। मृतक की शिनाख्त गाडी के नम्बरों के आधार पर संभव हो पाई। घटना की सूचना पाकर सदर थाना पुलिस फोरेंसिक एक्सपर्ट टीम के साथ मौके पर पहुंच गई और हालातों का जायजा लिया। हालात यहां तक रहे कि चालक के महज कुछ ही अवशेष बरामद हो पाए। फिलहाल सदर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गांव बिरौली के निकट जींद-रोहतक बाइपास पर मंगलवार दोपहर को संदिग्ध हालात के चलते ब्रेजा गाडी में आग लग गई। जिसमे चालक जिंदा ही जल गया। आग लगने की सूचना पाकर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई और हालातों का जायजा लिया। जब पुलिस ने चालक सीट पर झांककर देखा तो वहां मानव अवशेष पडा हुआ था, आग के कारण शरीर के 'यादात्तर अंग जल चुके थे। गाडी नम्बर के आधार पर मृतक की पहचान मूलत गांव भकलाना हाल आबाद अर्बन एस्टेट निवासी अजय 25 के रूप में हुई। मृतक के पिता जगबीर ने बताया कि वे रिश्तेदारी में मौत होने के चलते बाहर गए हुए थे।
मंगलवार को अजय के मामा व अन्य रिश्तेदार आए हुए थे। जिन्हें अजय जींद बस अड्डा पर छोडने गया था। अब यह समझ में नहीं आ रही कि आखिर अजय गाडी लेकर गांव बिरौली के निकट कैसे पहुंचा। मृतक की गाडी साइड में खडी हुई थी, गाडी को हैंडब्रेक लगाया गया था। लोगों ने गाडी को जलते हुए भी देखा लेकिन आग बुझाने की जहमत किसी ने नहीं उठाई। मृतक परिवार का इकलौता चिराग था। सदर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। सदर थाना के जांच अधिकारी मोनिका ने बताया कि ब्रेजा गाडी पूरी तरह जलकर राख हो चुकी थी। शरीर के नाम पर केवल अवशेष ही बचा था। गाडी नम्बरों के आधार पर मृतक की शिनाख्त संभव हो पाई। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
फीचरों से लॉक हुई गाड़ी, जिंदा जल गया चालक
गाड़ियों में बेल्ट को लगाना सुरक्षित माना जाता है। गाड़ियों में आधुनिक फीचर तथा सेंसर भी दिए गए हैं। बावजूद इसके गाड़ी चालक के लिए जिंदा कब्रगाह बन गई। सीट बेल्ट लगी होने के कारण चालक निकल नहीं सका, आग से गाड़ी के फीचर जवाब दे गए और गाडी लॉक हो गई। जिसका खामियाजा चालक को अपनी जान देकर चुकाना पडा और एक मात्र सहारे को छीन लिया। गाड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई, चालक के महज हड्डियों के कुछ अवशेष बचे, शिनाख्त गाडी नम्बरों के आधार पर हुई तो मृतक के अवशेषों से चिकित्सकों को डीएनए लेना पडा। चालक के बचे हुए अवशेषों का पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
बचने की कोशिश, जवाब दे गई किस्मत, गाडी हुई लॉक
छानबीन के दौरान सामने आया कि गांव बिरौली के निकट से निकलते ही गाडी के ईंजन में आग लग गई थी। अजय ने गाडी को हाइवे के साइड में कर हैंड ब्रेक लगाया और खिडकी खोलने की कोशिश की। इंजन में आग लगने के कारण गाडी के अंदर धुआं जमा हो गया, आग से फीचरों ने काम करना बंद कर दिया और गाड़ी की खिडकियां लॉक हो गई। सीट बेल्ट बंधी होने के कारण वह उसे खोलने में भी नाकाम रहा और बेल्ट बंधे हुए ही जिंदा जल गया।
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