COVID-19 : अब बाढ़सा एम्स में होने लगा झज्जर के कोरोना मरीजों का उपचार

रवींद्र राठी : बहादुरगढ़
झज्जर जिले में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग (Health Department) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) ने मिलकर बड़ा फैसला लिया है। स्वास्थ्य विभाग और बाढ़सा एम्स प्रबंधन के बीच हुए तालमेल के बाद झज्जर जिले (Jhajjar District) के कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की व्यवस्था बाढ़सा स्थित नेशनल कैंसर संस्थान में बनाई गई है। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक चार कोविड-19 (COVID-19) मरीजों को इलाज(treatment) के लिए बाढ़सा-एम्स स्थित एनआईसी में भर्ती करवाया जा चुका है।
बता दें कि देश के सबसे प्रमुख चिकित्सा संस्थान 'एम्स' में बड़ी संख्या में कर्मियों और रोगी देखभाल सुविधाओं को कोविड-19 के रोगियों की सेवा में लगाया गया है। दिल्ली स्थित एम्स के ट्रॉमा सेंटर को तो पूरी तरह समर्पित कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है। जबकि झज्जर जिले के बाढ़सा में स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) में भी कोरोना वायरस के रोगियों का इलाज किया जा रहा है। हालांकि यहां केवल दिल्ली के अस्पतालों से रेफर होकर आने वाले मरीजों का ही उपचार किया जा रहा था।
झज्जर जिले में छह डेडिकेटिड कोविड अस्पताल बनाए गए
वहीं दूसरी ओर जिला स्वास्थ्य विभाग की बात करें तो झज्जर जिले में छह डेडिकेटिड कोविड अस्पताल बनाए गए हैं। इनमें बाढ़सा स्थित एम्स में अब तक 390 बेड, बहादुरगढ़ के जीवन ज्योति अस्पताल में 22, शिवम अस्पताल में 17, ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल में 15, आरजे सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में 15 और दिल्ली अस्पताल में 10 बेड कोविड के लिए आरक्षित किए गए हैं। इनमें संक्रमित मरीजों के लिए 32 तथा संदिग्ध मरीजों के लिए 437 बेड रिजर्व हैं। इनमें 75 आईसीयू बेड हैं, जिनमें से 49 में वेंटिलेटर की सुविधा है।
नई व्यवस्था के आधार पर एम्स कोरोना के गंभीर रूप से बीमार मरीजों को रखा जाएगा
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रणदीप सिंह पूनिया के अनुसार बाढ़सा एम्स में बेड की संख्या लगभग दोगुणा कर प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है। इसके अलावा इसमें मरीजों की स्थिति के आधार पर एम्स में झज्जर जिले के कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने पर सहमति बनी है। नई व्यवस्था के आधार पर एम्स कोरोना के गंभीर रूप से बीमार मरीजों को रखा जाएगा। हालांकि अब तक पॉजिटिव व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीजीआईएमएस रोहतक ही रेफर किया जाता रहा है। बता दें कि सिविल सर्जन के प्रयासों के बाद कोरोना मरीजों को बाढ़सा एम्स में भर्ती किया जाने लगा है। अब तहां यहां भेजे गए 4 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। विदित है कि दिल्ली में कोरोना विस्फोट के बाद मरकज से जुड़े मरीजों को भी यहां भर्ती करवाया गया था और ज्यादातर मरीज भी एम्स से ही स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए थे। सीएमओ डॉ. पूनिया के अनुसार आने वाले समय में व्यवस्थाओं को देखते हुए बाढ़सा एम्स प्रबंधन से झज्जर जिले के मरीजों के लिए विशेष अनुरोध किया गया था। उम्मीद है कि अन्य चिकित्सा सेवा प्रभावित नहीं होंगी और नई स्वास्थ्य व्यवस्था मरीजों के लिए लाभप्रद रहेगी।
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