400 टायरों वाला ट्राला बना कौतूहल, रोज 7 किलोमीटर का सफर ही कर पाता

400 टायरों वाला ट्राला बना कौतूहल, रोज 7 किलोमीटर का सफर ही कर पाता
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हिसार पहुंचे ट्राले पर हजारों टन वजनी मशीन लोड है। महाराजा अग्रसेन नेशनल हाइवे 9 पर पहुंचे इस लोडिंग ट्राले को बठिंडा रिफाइनरी तक पहुंचाने के लिए हाइवे पर आ रहे अवरोधों को दूर किया जा रहा है।

हिसार। लगभग सात माह पहले मुद्रा बंदरगाह से चला 400 टायर वाला ट्राला शनिवार को हिसार पहुंचा। यह ट्राला हजारों टन वजन की मशीन लेकर बठिंडा जा रहा है। बताया जा रहा है कि गुजरात की मुद्रा बंदरगाह से सात महीने पहले रिफाइनरी मशीन पार्ट लेकर बठिंडा के लिए चला 400 टायर वाला ट्राला हिसार के लांधड़ी टोल प्लाजा पर पहुंचा। पहले भी मशीन के अलग-अलग पार्ट को बठिंडा रिफाइनरी भेजा जा चुका है। इस मशीन के वहां जाने के बाद सभी पार्ट को असेंबल कर पूरी मशीन तैयार कर तेल रिफाइनरी के काम में ली जाएगी।अधिकारी ट्राले के साथ रास्ता साफ कराते हुए चल रहे हैं। यह हर रोज 7 किलोमीटर का सफर ही कर पाता है।

हिसार पहुंचे ट्राले पर हजारों टन वजनी मशीन लोड है। महाराजा अग्रसेन नेशनल हाइवे 9 पर पहुंचे इस लोडिंग ट्राले को बठिंडा रिफाइनरी तक पहुंचाने के लिए हाइवे पर आ रहे अवरोधों को दूर किया जा रहा है। लांधड़ी टोल प्लाजा से आगे अग्रोहा चौक पर नेशनल हाइवे की सर्विस लाइन के साथ बनाए गए बरसाती नाले को मिट्टी और पत्थरों से भरकर रोड रोलर से जमाया जा रहा है। रोड के साथ कच्चे रास्ते को भी रोड रोलर से समतल कर तैयार किया जा रहा है।

हिसार : रास्ते को ठीक करते मजदूर।

अधिकारियों को आशंका है कि भारी भरकम मशीन कहीं रास्ते में सड़क पर धंस न जाए। सर्विस लाइन के साथ बाजार में आने वाले मंदिर दुकानों के आगे रेंप, सीढ़ियों को भी तुड़वाया जा रहा। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली से लेकर फाजिल्का तक नेशनल हाइवे पर करीब आठ मीटर का साफ रास्ता चाहिए। अधिकारियों के मुताबिक यह लोडिंग ट्रक एक दिन में करीब सात से आठ किलोमीटर की दूरी ही तय करता है। चींटी की चाल से चलने वाले लोडिंग ट्रक को करीब चार महीने का समय बठिंडा रिफाइनरी तक पहुंचाने में और लगेगा। हिसार पहुंचा यह ट्राला लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना रहा।

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