एजेंट ने दिया धोखा तो सोनीपत के युवक ने दुबई में दी जान, 16वें दिन पहुंचा शव, परिजनों का अंतिम संस्कार से इनकार

हरिभूमि न्यूज . गोहाना ( सोनीपत )
रिश्ते में साला लगने वाले एजेंट ने कुलदीप से ऐसा धोखा किया कि वह 15 मई को रस्सी का फंदा लगाकर दुबई में जान देने के लिए मजबूर हो गया। मंगलवार की शाम को 16वें दिन गोहाना में देवीनगर स्थित मकान में शव पहुंचा तो परिजनों ने तब तक अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होगा।
कुलदीप की व्यथा झकझोरने वाली है। वह 3 भाइयों में मंझला था। बड़ा भाई जयभगवान और छोटा संदीप है। कुलदीप 35 साल का था। परिवार में पत्नी रीना, 13 साल की बेटी अभिलाषा और 10 साल का बेटा रौनक हैं। मजदूरी से उबर मोटा पैसा कमाने के ख्वाब दिखाए गए तो 5 रुपए सैंकड़ा के महंगे ब्याज पर भारी कर्जा लेने से गुरेज भी नहीं किया। कुलदीप 20 जनवरी को दुबई गया था। उसके साथ 3 और व्यक्ति थे। देवीनगर का ही रहने वाला दीपक, खुबडू गांव का नवीन और सेहरी खांडा गांव का संदीप। चारों की आपस में रिश्तेदारी थी तो एजेंट का रोल निभाने वाला अनिल भी कुलदीप का चचेरा साला बताया गया। वह गोहाना के ही छतैहरा गांव का है। परिवार का कहना है कि बात वर्क वीजा की हुई थी। फ्लाइट पकडऩे के लिए जब दिल्ली के एयरपोर्ट पर पहुंचे तो खुलासा हुआ कि वीजा पर्यटक वीजा था तथा था भी गिनती के 15 दिन का। दुबई में जिस कम्पनी के लिए गए थे, उसने वहां पहुंचने पर दो टूक बता दिया कि 4 महीने तक कोई काम नहीं है।
अवैध रूप से छुप-छुप कर रहने के दौरान खाने तक के लाले पड़े
15 दिन बीतते ही फरवरी के मध्य में मुसीबतों का पहाड़ टूटने लगा। अवैध रूप से छुप-छुप कर वहां रहने के दौरान खाने तक के लाले थे। एजेंट से संपर्क करते तो वह कोई मुनासिब जवाब नहीं देता। तब और दिक्कतें बढ़ गईं जब दुबई में चारों युवकों में से प्रत्येक पर लाखों रुपए का जुर्माना कर दिया गया। आरोप है कि दुबई में भारी घुटन और वापसी के लिए पैसे न होने से परेशान होकर कुलदीप ने 15 मई को मौत को गले लगा लिया। अब 16वें दिन उसका शव उसके साथ गया दीपक लेकर आया है। बाकी के दोनों व्यक्ति-नवीन और संदीप अभी दुबई में हैं। मंगलवार की देर शाम को जब शव पहुंचा, परिवार के विलाप से पूरा देवीनगर शोकसंतप्त हो गया। परिवार ने मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों को साफ कह दिया कि जब तक आरोपी एजेंट अनिल गिरफ्तार नहीं होगा, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। कुलदीप के पिता रामचंद्र अब इस दुनिया में नहीं हैं। मां कैलाशो देवी बेहद बुजुर्ग हैं।
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