झोपड़ी में आग : मां के साथ सो रही पांच वर्षीय बच्ची की दर्दनाक मौत, भाई और बहन बुरी तरह झुलसे

हरिभूमि न्यूज : बराड़ा ( अंबाला )
बीती रात को मुलाना-बुडियो मार्ग पर एक झोपड़ी में आग लगने से एक बच्ची की मौत हो गई। वहीं दो बच्चे बुरी तरह से झुलस गए। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। बीती रात करीब 12 बजे मुलाना बुडियों मार्ग पर एक खेत में बनी झोपड़ी मे आग लगने से यह दर्दनाक हादसा हुआ। जिसमें एक विधवा प्रवासी मजदूर महिला मुन्नी निवासी बिहार जिला सीतामढ़ी गांव बलसनंद कोठी के तीन बच्चे आग में झुलस गए। जिसमें से एक पांच वर्षीय बच्ची दीपाली की आग में झुलस जाने के कारण मौत हो गई।
वहीं मुन्नी के दो अन्य बच्चे 7 वर्षीय विशाल व 8 वर्षीय दीपा भी आग की लपटों में 40% तक झुलस गए। महिला के भी हाथ-पांव व कमर भी आग में झुलसी है। हालांकि मुन्नी ने अपनी एक अन्य बेटी करीमा को झोपड़ी से सही सलामत बाहर निकाल लिया था। मौके पर फारेंसिक टीम ने मुआयना कर आग लगने के कारण का प्रयास किया वहीं पुलिस मामले की जांच जुटी है।
आग बुझने पर मिली दीपाली की लाश
मुन्नी मंगलवार देर रात अपने चारों बच्चों के साथ झोपड़ी में सोई थी। रात करीब 12 बजे उसे अचानक अपने बच्चों का शोर सुनाई दिया। आंख खुली तो पाया कि झोपड़ी में चारो तरफ आग लगी हुई थी। झोपड़ी में आग लगी देख मुन्नी ने तुरंत अपने पास लेटी करीमा को बाहर निकाला व बचाव के लिए शोर मचाया। शोर सुनकर झोपड़ी के पास रह रहे भाई का परिवार का उठा और पास ही लगे ट्यूबवेल से पानी की मदद से आग को बुझाने का प्रयास करने लगे। लपटों से घिरी झोपड़ी से मुन्नी ने विशाल व दीपा को बाहर निकाला। तब तक दोनों बच्चे आग से काफी झुलस गए थे । लेकिन आग की लपटों में दीपाली का कुछ पता नहीं चला। जिसको लेकर मुन्नी बहुत बैचेन थी। आग बुझने पर दीपाली को झोपड़ी के मलबे के बीच पाया तब तक दीपाली दम तोड़ चुकी थी। लड़की की मौत के बाद मुन्नी का रो रोकर बुरा हाल था।
चार साल पहले खो चुकी पति
मुन्नी ने बताया कि करीब चार साल पहले मुलाना में ही उसके पति राजन की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। जिसके बाद से वह मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही थी। आग से मुन्नी का झोपड़ी में रखा सब सामान जलकर राख हो गया। परिवार की हालात दयनीय है। जिसके चलते उम्मीद फाउंडेशन बराड़ा की टीम उनकी मदद करने सामने आई है। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं लग पाया है। मुन्नी के अनुसार वह झोपड़ी में रोशनी के लिए हर रोज मोमबत्ती जलाती थी। उसने मोमबत्ती को मंगलवार रात को भी जलाया था लेकिन उसे सोते समय बुझा दिया था। वहीं मुन्नी के पास रहने वाले उसके भाई के परिवार ने बताया कि खेतों की बिजली मंगलवार रात करीब 12 बजे आई थी, उसी समय हादसा घटित हुआ है। वहीं झोपड़ी के उपर से भी बिजली तारें भी गुजर रही है। यह भी अंदेशा जताया जा रहा है कि शायद शार्ट सर्किट से हादसा हुआ हो।
जुटाए जा रहे हैं साक्ष्य
जांच अधिकारी राजबीर सिंह ने कहा कि फारेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। छोटी बच्ची का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों सौंप दिया है। प्राथमिक जांच में झोपड़ी में आग मोमबत्ती के कारण लगी पाई गई है।
जांच करते पुलिस अधिकारी।
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