हरियाणा की दो सहकारी चीनी मिलों को मिलेगा राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार

हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा है कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा सहकारी चीनी मिलों एवं किसानों के हित में उठाए गए विभिन्न कदमों के तहत पिराई सीजन 2019-20 के लिए करनाल की सहकारी चीनी मिल को गन्ना विकास में प्रथम पुरस्कार तथा कैथल की सहकारी चीनी मिल को तकनीकी दक्षता में द्वितीय पुरस्कार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चुना गया है। आगामी 27 व 28 मार्च, 2021 को राष्ट्रीय सहकारी चीनी मिल प्रसंघ, नई दिल्ली द्वारा वडोदरा (गुजरात) में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह में इन मिलों को इन दोनों पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा।
सहकारी चीनी मिलों की कार्यकुशलता में लगातार सुधार पर खुशी व्यक्त करते हुए सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने बताया कि हरियाणा की 11 सहकारी चीनी मिलों में से करनाल की सहकारी चीनी मिल को गन्ना विकास तथा कैथल की सहकारी चीनी मिल को तकनीकी दक्षता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चुना गया है। उन्होंने बताया कि सहकारी चीनी मिलों में लगातार चल रहे सुधारों व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अगुवाई में वर्तमान राज्य सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न पगों की बदौलत इन दोनों सहकारी चीनी मिलों को ये पुरस्कार प्राप्त हो रहे हैं।
हरियाणा में किसानों को मिल रहा है देश में सर्वाधिक गन्ने का मूल्य
सहकारिता मंत्री ने बताया कि हरियाणा देश का एक मात्र राज्य है जोकि ना केवल देशभर में गन्ने का सर्वाधिक राज्य सुझावित मूल्य दे रहा है अपितु पिछले पिराई सीजनों की किसानों की कोई भी गन्ना राशि सहकारी चीनी मिलों की तरफ देय नहीं है। पानीपत व करनाल सहकारी चीनी मिलों के विस्तार और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया क्रमश: 355.00 करोड़ रूपए व 263.00 करोड रुपये की लागत से प्रगति पर है। शाहबाद सहकारी चीनी मिल में 99.00 करोड़ रुपये की लागत से 60 के.एल.पी.डी. क्षमता का ईथेनोल प्लांट लगाया जा रहा है। इसी तरह करनाल, पानीपत व शाहबाद की सहकारी चीनी मिल्ज की परियोजनाओं का कार्य क्रमश: अप्रैल, जून/जुलाई, व अगस्त, 2021 तक पूर्ण करने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।
उच्च गुणवत्ता का गुड़ व शक्कर का उत्पादन
उन्होंने बताया कि चीनी मिलों को लाभप्रद बनाने हेतू तथा जनता को उच्च गुणवत्ता वाला गुड़ एवं शक्कर उपलब्ध करवाने हेतू पायलट प्रोजेक्ट योजना के अंतर्गत तीन सहकारी चीनी मिलों क्रमश: कैथल, पलवल एवं महम में उच्च कोटि के गुड़ एवं शक्कर का उत्पादन किया जा रहा है तथा कैथल सहकारी चीनी मिल में पायलट आधार पर जैव ईंधन ब्रिकेटिंग प्लांट की स्थापना करके जैव ईंधन ब्रिकेट का उत्पादन शुरू हो चुका है। इस प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए राज्य की शेष सहकारी चीनी मिलों में भी जैव ईंधन ब्रिकेटिंग प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया है तथा इस पर कार्य को शुरू कर दिया गया है।
*पलवल व जींद मिलों की पिराई क्षमता 1600 टीसीडी से बढ़ाकर 2200 टीसीडी की
सहकारिता मंत्री ने बताया कि पलवल एवं जींद की सहकारी चीनी मिलों की पिराई क्षमता 1600 टी.सी.डी. से बढ़ाकर 2200 टी.सी.डी. की जा रही है। जिसमें प्रथम चरण का कार्य पूरा हो चुका है और दूसरे चरण का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा रोहतक, जींद एवं कैथल सहकारी चीनी मिलों में एथेनॉल प्लांट लगाने का कार्य यथाशीघ्र शुरू किया जायेगा। निकट भविष्य में मैली व बॉयलर की राखी से बॉयो सी.एन.जी. व जैव उर्वरकों की परियोजना पर भी विचार किया जा रहा है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS