अपनों पर ही फोड़ा हार का ठीकरा : कांग्रेस के दो पूर्व मंत्री बोले- भूपेंद्र हुड्डा और गुलाम नबी को किया जाए पार्टी से बाहर, नहीं तो...

रोहतक। पांच राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद अब हरियाणा कांग्रेस में हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस के ही नेता अपनी ही पार्टी के नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। रोहतक में कांग्रेस के दो पूर्व मंत्रियों ने पत्रकारवार्ता करके G3 में शामिल नेताओं को हार का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी की करारी हार हुई है, आज तक के इतिहास में इससे खराब परिणाम किसी भी चुनाव में देखने को नहीं मिले।
जहां पंजाब में कांग्रेस पार्टी की सत्ता थी वहां भी कांग्रेस पार्टी बुरी तरह हार गई। उन्होंने मांग की है कि ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर कर देना चाहिए। इन नेताओं ने 30-40 साल तक कांग्रेस सत्ता के समय लाभ लिया लेकिन इन्होंने मोदी के साथ मिलकर कांग्रेस को कमजोर किया है। G-23 के सरदार गुलाम नबी आजाद हैं जिनके घर के बाहर दोनों नेता उनके खिलाफ धरना प्रदर्शन भी करेंगे। दोनों पूर्व मंत्री इतना ही नहीं रुके उन्होंने कहा कि हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस पार्टी को कमजोर किया है। अशोक तवर से लेकर कुमारी शैलजा को संगठन के चुनाव तक नहीं करवाने दिए।
गुलाब नबी आजाद की बस में बैठने वाली टीम को बाहर किया जाए : कृष्णमूर्ति हुड्डा
पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा ने कहा कि कांग्रेसी पार्टी की हार की जिम्मेदारी हमारे शीर्ष नेतृत्व ने ली है और हार को स्वीकार भी किया है। लेकिन जो लोग G-23 समेलन में शामिल थे उन लोगों ने राहुल गांधी, सोनिया गांधी को बदनाम करने का काम किया है। खासकर गुलाम नबी आजाद जो G 23 का नेतृत्व कर रहे हैं। जो नेतृत्व बदलने की बात कर रहे हैं उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह आलाकमान से अपील करेंगे कि गुलाब नबी आजाद की बस में बैठने वाली टीम को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। अगर आलाकमान उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो हर जमीन से जुड़ा हुआ कांग्रेसी कार्यकर्ता नाराज हो जाएगा। अगर यह अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो गुलाब नबी आजाद के घर के बाहर वह धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अशोक तंवर और शैलजा का साथ दिया होता तो संगठन कमजोर नहीं होता।
कांग्रेस के नेताओं ने ही कांग्रेस काे हराया : सुभाष बत्रा
वहीं पूर्व गृह मंत्री सुभाष बत्रा भी अपनी पार्टी के नेताओं पर जमकर बरसे और उन्होंने हार का सारा ठीकरा G 23 में शामिल नेताओं पर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि यूपी में कांग्रेस पार्टी की हार के कई कारण हैं। एक कारण तो वहां दो पार्टियों के बीच मुकाबला था भाजपा और सपा के बीच। दूसरा भाजपा ने जो धर्म के नाम पर गंदी राजनीति की है। उसके कारण हिंदू वोट भाजपा को मुस्लिम वोट सपा को गए। यूपी के लोगों की सोच और थी पंजाब के लोग की ओर सोच थी। जिन लोगों ने सत्ता के समय कांग्रेस में खूब लाभ उठाया उन्हीं नेताओं की वजह से आज कांग्रेस की हालत खराब हो गई है। उन्होंने इशारों-इशारों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेताओं पर सवाल उठाए और कहा कि इन नेताओं की वजह से कांग्रेस में भीतरी घात हुआ है यह नेता भाजपा के साथ मिले हुए हैं। उन्हें मांग की है कि ऐसे नेताओं को जल्द से जल्द हाईकमान कांग्रेस पार्टी से बहार करे।
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