कुश्ती विवाद में दो दिग्गज आमने-सामने, योगेश्वर दत्त पर विनेश फोगाट ने बड़ा हमला बोला...

कुश्ती विवाद में दो दिग्गज आमने-सामने, योगेश्वर दत्त पर विनेश फोगाट ने बड़ा हमला बोला...
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  • योगेश्वर दत्त ने आंदोलनकारी पहलवानों के ट्रायल में छूट देने पर कहा, क्या इसीलिए किया था आंदोलन?
  • विनेश ने लिखा - वह पहले ही कह रहा था कि जाकर अपनी प्रेक्टिस कर लो, बृजभूषण का कुछ ना बिगड़ै

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

कुश्ती के 6 पहलवानों को ट्रायल में छूट देने के फैसले पर ओलंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त (Yogeshwar Dutt) भड़क गए हैं। अपने ट्विटर अकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए भाजपा के टिकट पर बरोदा विधानसभा से चुनाव लड़ चुके योगेश्वर दत्त ने इसे कुश्ती के लिए काला दिन करार दिया। योगेश्वर दत्त ने कहा कि भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करने वालो का बस ये ही मकसद था। दूसरी ओर पहलवान विनेश फौगाट (Vinesh Phogat) ने सोशल मीडिया के माध्यम से योगेश्वर दत्त पर हमला बोलते हुए कहा कि आज भी दिमाग में योगेश्वर दत्त की घटिया हंसी छपी हुई है। विनेश फौगाट ने लिखा कि जांच के दौरान भी योगेश्वर दत्त ने नाबालिक पहलवान हो स्पष्ट कहा था की बृजभूषण शरण का कुछ नहीं बिगड़ने वाला जाकर अपनी प्रैक्टिस कर लो। इस तरह से पहलवानों का विवाद अब सोशल मीडिया पर बढ़ता जा रहा है।

बता दें कि बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत 6 पहलवानों को ट्रायल में छूट दी गई है। भारतीय ओलिंपिक संघ के एडहॉक पैनल ने 6 आंदोलनकारी पहलवानों के लिए आगामी एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप की चयन प्रक्रिया को सिर्फ एक मुकाबले की प्रतियोगिता बना दिया है। इन पहलवानों को इन दोनों प्रतियोगिताओं की भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए सिर्फ ट्रायल के विजेताओं को हराने की जरूरत होगी। छह पहलवानों में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट, सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा शामिल हैं। यह पहलवान 5 से 15 अगस्त के बीच ट्रायल के विजेताओं से भिड़ेंगे।

क्या कहा योगेश्वर दत्त ने

1. छूट देनी है तो रवि को भी दो दीपक को भी

एडहॉक कमेटी ने ऐसे ट्रायल लेने के क्या मापदंड अपनाए हैं। अगर आपको ऐसे ही ट्रायल लेने हैं, तो रवि दहिया है जो ओलिंपिक का मेडलिस्ट है, दीपक पूनिया है वो भी गोल्ड मेडलिस्ट है व ओलिंपिक में चौथे स्थान पर रहा था। अंशु मलिक है, वर्ल्ड की सिल्वर मेडलिस्ट व ओलंपियन है। सोनम मलिक है। इनके अलावा और भी बहुत से पहलवान हैं, जो इस देश में नंबर वन है। लेकिन इन 6 ही पहलवानों को ट्रायल में छूट देना, मेरी समझ से बाहर है। यह सरासर गलत है, ऐसा तो आज तक जो पहले पैनल थे, उसने भी नहीं किया है।

2. ओलंपिक एसोसिएशन को पत्र लिखें पहलवान

योगेश्वर दत्त ने कहा कि हमारे जितने भी पहलवान हैं, उनसे अपील है कि आप अपनी आवाज जरूर उठाइए। मैं यह नहीं कह रहा कि आप धरना दीजिए, प्रदर्शन कीजिए। आप खूब मेहनत कीजिए, पर आप अपनी आवाज जरूर उठाइए। आप प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, खेल मंत्री, ओलंपिक एसोसिएशन को पत्र लिखिए और एडहॉक कमेटी के इस फैसले से उन्हें अवगत कराइए।

इतिहास में कभी भी किसी फेडरेशन ने ऐसे फैसले नहीं किए हैं। हां, उन्होंने बिना ट्रायल के भी टीम भेजी हैं, लेकिन नंबर वन टीम भेजी है। ट्रायल में छूट भी दी गई है, लेकिन वह सभी के लिए नहीं दी गई है। छूट उसी को दी गई जो आउटस्टैंडिंग पहलवान था और करंट में जिसने अच्छा प्रदर्शन किया हो। यह पहलवान तो 1 साल से भी ज्यादा समय से मैट से दूर हैं।

3. प्रदर्शन किस लिए किया था, छूट के लिए

योगेश्वर दत्त ने कहा कि सभी खाप पंचायतें, किसान संगठन इस फैसले को जरूर देखिए। क्योंकि आपने इन पहलवानों का साथ दिया था। इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए आपका बहुत बड़ा योगदान रखा है। यह जो फैसला है या किसके लिए अच्छा और किसके लिए बुरा है। अब आप उस प्रदर्शन की हकीकत को जानिए कि वह यौन शोषण के खिलाफ हुआ था या ट्रायल में छूट के लिए किया गया था।

4. ये फैसला तानाशाही वाला है, मैं गलत के खिलाफ जरूर बोलूंगा

हरियाणा में कुश्ती की कष्ट निवारण समिति बनी थी, जिसके मुखिया कोच रणबीर ढाका और ज्ञान कोच हैं, जोकि एडहॉक कमेटी का भी हिस्सा हैं। उनके रहते हुए इस तरह का फैसला लिया गया है, वे भी इस पर विचार करें। यह फैसला बिल्कुल तानाशाही वाला लिया गया है। मैंने कुश्ती के लिए यह सब बातें बोली है, जहां भी कुश्ती के साथ कुछ गलत होगा, मैं जरूर बोलूंगा। इसमें मेरा कोई भी निजी स्वार्थ नहीं है।

ये लिखा विनेश फौगाट ने

योगेश्वर दत्त का वीडियो सुना तो उसकी वह घटिया हंसी दिमाग़ में अटक गई। वह महिला पहलवानों के लिए बनी दोनों कमेटियों का हिस्सा था। जब कमेटी के सामने महिला पहलवान अपनी आपबीती बता रही थीं तो वह बहुत घटिया तरह से हंसने लगता। जब 2 महिला पहलवान पानी पीने के लिए बाहर आयीं तो बाहर आकर उनको कहने लगा कि कुछ ना हो बृजभूषण का, जाके अपनी प्रैक्टिस कर लयो।

एक दूसरी महिला पहलवान को बड़े भद्दे तरीक़े से बोला कि ये सब तो चलता रहता है इसको इतना बड़ा इशू मत बनाओ। कुछ चाहिए हो तो मुझे बताओ। कमेटी की बैठक के बाद योगेश्वर ने महिला पहलवानों के नाम बृजभूषण और मीडिया को लीक कर दिये। उसने कई महिला पहलवानों के घर फ़ोन करके यह भी कहा कि अपनी लड़की को समझा लो। वह पहले ही सरेआम महिला पहलवानों के ख़िलाफ़ बयान दे रहा था, उसके बावजूद उसे दोनों कमेटियों में रखा गया।वह पहलवानों और कोचों को महिला पहलवानों के आंदोलन में शामिल होने से लगातार रोकता रहा। सारा कुश्ती जगत समझ गया था कि योगेश्वर बृजभूषण की थाली का झूठा खा रहा है।

अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में विनेश फौगाट ने लिखा कि समाज में कोई भी अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज उठाता है तो योगेश्वर जरूर उल्टियाँ करता है। पहले किसानों, जवानों, छात्रों, मुसलमानों, सिखों पर घटिया टिप्पणिया कीं और अब महिला पहलवानों को बदनाम करने में लगा हुआ है। समाज से गद्दारी के कारण ही दो बार चुनाव में औंधे मुँह गिरे हो तुम। और मैं चैलेंज करती हूँ कि कभी जिदगी में चुनाव नहीं जीतोगे, क्योंकि समाज जहरीले नाग से हमेशा सावधान रहता है और उसके कभी पैर नहीं लगने देता।

कुश्ती जगत को आपका बृजभूषण के तलवे चाटना हमेशा याद रहेगा। महिला पहलवानों को तोड़ने में इतना ज़ोर मत लगाओ, बहुत पक्के इरादे हैं इनके। ध्यान रखना कहीं ज्यादा जोर लगवाने से कमर न टूट जाए। रीढ़ तो पहले ही बृजभूषण के पैरों में रख चुके हो। तुम बहुत संवेदनहीन इंसान हो। ज़ालिम के हक में खड़े हो उसकी चापलूसी कर रहे हो।जब तक कुश्ती में योगेश्वर जैसे जयचंद रहेंगे, यकीनन जालिमों के हौंसले बुलंद रहेंगे। ..... जैसा कि विनेश फौगाट की फेसबुक आईडी पर पोस्ट किया गया है।

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