सीवर लाइन बिछाते समय मिट्टी गिरने से दो मजदूरों की मौत

हरिभूमि न्यूज : फतेहाबाद (जाखल)
जाखल में दूषित जल निकासी के लिए सीवर लाइन डालने के कार्य में निर्माण एजेंसी ठेकेदार व जनस्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इनकी लापरवाही दो गरीब मजदूरों के लिए काल बन गई है। नई बस्ती में सीवर लाइन बिछाने के कार्य में लगे दो मजदूरों के मिट्टी तले दबने से मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में हादसे में मजदूरों की मौत का कारण बगैर सुरक्षा उपकरणों हो रहे कार्य को माना जा रहा है।
मृतकों में एक श्रमिक जाखल के साथ लगते पंजाब के गुरुनानक नगर का रहने वाला 25 वर्षीय सुरजीत सिंह एवं दूसरा 35 वर्षीय कुलदीप सिंह भूना क्षेत्र के दिगोह गांव का निवासी था। उक्त मजदूर गत दिनों से जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा करवाए जा रहे सीवर लाइन बिछाने के कार्य पर मजदूरी पर लगे थे। हादसा शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे जाखल की नई बस्ती वार्ड नं 9 में हुआ। ठेकेदार ने इन मजदूरों को करीब 12 फीट गहराई में उतार दिया। उसी वक्त ऊपर से मिट्टी का तौंदा भरभरा के मजदूरों के ऊपर गिर पड़ा।
घटना के वक्त मौजूद अन्य मजदूरों के हो-हल्ला करने पर मोहल्ले के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने जेसीबी की मदद से, कस्सी और हाथों से मिट्टी हटा कर करीब 20 मिनट की बड़ी मशक्कत से नीचे दबे मजदूरों को बाहर निकाला। इन्हें उपचार के लिए स्थानीय समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, वहां चिकित्सकों ने गांव दिगोह निवासी कुलदीप सिंह को मृत घोषित कर दिया वहीं दूसरे मजदूर सुरजीत सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद अग्रोहा रेफर कर दिया। सुरजीत सिंह ने भी रास्ते में ही दम तोड़ दिया। घटना की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने अपनी टीम सहित मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
ठेकेदार की लापरवाही बनी मौत का कारण
प्रारंभिक जांच में मजदूरों की मौत का कारण ठेकेदार की लापरवाही माना जा रहा है। उसने बगैर सुरक्षा उपकरणों के लापरवाही पूर्वक मजदूरों को इतने गहरे गड्ढे में उतार दिया। पाइप लाइन खुदाई के बाद क्लोज टिंबरिंग न किया जाना, लापरवाही को उजागर करता है। जिसके नतीजन मिट्टी गिर पड़ी। इस दुखदायक घटना के बाद मृतक मजदूरों के परिजनों में आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि काम कर रही कंपनी ने सुरक्षा के कोई उपाय नहीं अपनाए हैं। गौरतलब है कि मिट्टी गिरने से बचाने के लिए क्लोज टिंबरिंग की जाती है ताकि खुदाई के दौरान काम करने वाले मजदूर नीचे सुरक्षित रहें, लेकिन क्लोज टिंबरिंग का खर्च बचाने की चाहत में कंपनी ने मजदूर की जान से खिलवाड़ करने का काम किया है।
पहले भी हो चुका है हादसा
गौरतलब है कि जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ही लापरवाही के कारण करीबन दो माह पूर्व भी यह हादसा हो चुका हैं। कुछ समय पहले भी मिट्टी की तौंद गिरने से दो मजदूर मिट्टी तले दब गए थे, लेकिन उस दौरान गनीमत रही कि कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ था, परंतु हैरानी की बात है कि उस घटना के बाद भी ठेकेदार या संबंधित विभाग ने कोई सबक नहीं लिया। ये जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ही लापरवाही का नतीजा है कि उस घटना के बाद अधिकारियों ने काम करने वाली फर्म को नोटिस तक नहीं दिया। यदि संबंधित अधिकारियों द्वारा उस दौरान काम करने वाली फर्म पर नकेल कसी जाती तो शायद आज यह नौबत ना आती।
क्या कहते है जाखल थानाध्यक्ष
इस संदर्भ में थानाध्यक्ष विक्रम सिंह का कहना है कि इस हादसे की जांच की जाएगी। जांच में देखा जाएगा कि किस स्तर पर लापरवाही हुई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर यदि काम करने वाली कंपनी की खामी पाई गई तो यकीनन कंपनी पर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
क्या कहते है जन स्वास्थ्य विभाग के जेई
जनस्वास्थ्य विभाग टोहाना के जेई महावीर बिश्नोई का कहना है कि कहीं न कहीं ठेकेदार की लापरवाही सामने आ रही है। खुदाई ज्यादा होने से मिट्टी भी खिसक गई है। इस मामले को लेकर उच्च अधिकारी भी जांच करेंगे और ठेकेदार पर इसका हर्जाना भी लगाया जाएगा।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS