हरियाणा : राखीगढ़ी में हड़प्पाकालीन महिलाओं के दो कंकाल मिले, डीएनए से खुलेंगे कई राज

नारनौंद ( हिसार )
विश्व के मानचित्र पर अंकित हिसार के राखीगढ़ी में इन दिनों खुदाई का कार्य जारी है। खुदाई के दौरान टीला नम्बर सात से दो कंकाल मिले हैं। यह दोनों ही कंकाल महिलाओं के हैं। इन कंकालों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। जिनकी रिपोर्ट 6 महीने से एक साल तक आ पाएगी। पिछली बार हुई खुदाई में इसी टीले पर करीब 60 कंकाल पाए गए थे। जिनमें से केवल एक कंकाल का ही डीएनए हो पाया था और उससे साबित हुआ था कि यह कंकाल करीब साढे चार हजार वर्ष पुराने हैं।
टीला नंबर सात जो कि टीला- एक के 500 मीटर उत्तर में स्थित है। पिछली खुदाई में यहां लगभग 60 कंकाल पाए गए थे। इस बार की खोदाई में दो कंकाल मिले हैं। ये कंकाल दो महिलाओं की होने की पहचान हुई है। कंकालों के सिर की तरफ काफी मात्रा में मिट्टी के अलग-अलग बर्तन रखे हुए मिले हैं। कुछ गहने और शंख की चूडि़यां भी उनके हाथों में पाई गई हैं। गहनों में बीड्स का उपयोग हुआ है। एक कंकाल के साथ तांबे का छोटा दर्पण मिला है। यह दोनों कंकाल हड़प्पाकालीन सभ्यता के माने जा रहे हैं। मगर एएसआइ ने इनका डीएनए करवाने के लिए वैज्ञानिक नीरज राय को बुलाकर इनके सैंपल लिए गए हैं जोकि लखनऊ की एक यूनिवर्सिटी की लैब में उनकी जांच होगी। उसके बाद पता लगेगा कि यह कंकाल कितने साल पुराने हैं।
लखनऊ लैब में हड्डी व दांत की होगी जांच : नीरज
साइंटिस्ट नीरज राय ने बताया कि इस बार दो कंकालो का डीएनए सैंपल लिया गया है। जिनकी उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर की बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट लैब में इनकी जांच होगी। डीएनए सैंपल लेने के लिए सबसे बड़ी लंबी हड्डी और दांत प्रयोग में लाया जाता है वहीं से सैंपल लेकर इन्हें सुरक्षित रखा जाता है। हर काम बड़ी बारीकी से किया जाता है ताकि इनका डीएनए सही तरीके से आ सके। वहीं, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के संयुक्त महानिदेशक डॉ संजय मंजुल ने बताया कि दो कंकालों का डीएनए सैम्पल लिया गया है। पिछली बार हुई खुदाई में एक कंकाल के सैंपल से ही यह पता लगाया था कि यह साढ़े चार हजार वर्ष पुराने हैं। अबकी बार दोनों कंकालों का डीएनए सैंपल लिया गया है।
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