हरियाणा में यूरिया खाद की किल्लत के बीच कलायत में मिला दो वर्ष पुराना स्टाक, रिकार्ड नहीं दे सके सहकारिता कर्मी

कलायत ( कैथल )
प्रदेश में यूरिया खाद की किल्लत के बीच मंगलवार को कलायत के सजूमा रोड पर कृषि विभाग द्वारा की गई छापा कार्रवाई में सहकारिता विभाग के भंडारण कक्ष से 2 साल पुराना यूरिया व डीएपी खाद का भंडार मिला है। कृषि विभाग उप निदेशक के निर्देश पर एसडीओ डा.सतीश नारा व खंड कृषि अधिकारी डा.श्योकंद की रहनुमाई में की गई औचक कार्रवाई से सहकारिता विभाग में हड़कंप मच गया। गहन पड़ताल के दौरान टीम को मौके पर 98 बैग मिले हैं। विभागीय अधिकारियों को उक्त स्थान पर खाद स्टाक की सूचना मिली थी।
सूचना के आधार पर जब अधिकारियों ने सहकारिता विभाग के कर्मियों के साथ मौका स्थल पर दस्तक दी तो खाद के बैगों की स्थिति बेहद संतोष जनक नहीं मिली। इनमें कट्टे-फट्टे व नमी की गिरफ्त में आए बैग शामिल थे। एसडीओ डा.सतीश नारा और खंड कृषि अधिकारी डा.रामेश्वर श्योकंद ने बताया कि खाद की गुणवत्ता की परखने के लिए कमरे में मिले स्टाक के सैंपल भरने का निर्णय लिया गया। किसानों को खाद की समस्या न आए इसके लिए टीम द्वारा प्रतिदिन संबंधित विभागों व दुकानों की जांच की जा रही है।
इस क्रम में कलायत में सजूमा रोड पर सहकारिता विभाग के भंडारण स्थल से खाद का स्टाक मिला। कृषि विभाग की टीम ने सहकारिता विभाग के कर्मियों की मौजूदगी में बंद भंडारण कक्ष के शटर खोला गया तो वहां बड़ी संख्या में डीएपी और यूरिया खाद के बैग मिले। प्रथम दृष्टा अधिकारियों के समक्ष जो पहलु आए हैं उसके अनुसार खाद के बैग करीब दो वर्ष पुराने बताए जा रहे हैं। इस दौरान संबंधित विभाग के कर्मचारियों को रिकार्ड सहित मौके पर बुलाया गया। इनसे जब भंडारण बारे जानकारी मांगी गई तो वे मौके पर कोई पुख्ता रिकार्ड पेश नहीं कर पाए। इस पर छापा कार्रवाई टीम ने संबंधित स्टाक का रिकार्ड व सेल मशीन को अपने कब्जे में ले लिया।
जांच अभियान निरंतर जारी: एसडीओ
कृषि विभाग एसडीओ डा.सतीश नारा ने बताया कि गैर कानूनी भंडारण और अन्य रा'यों में खाद की कालाबाजारी पर अंकुश लगाते हुए किसानों की जरूरत पूरा करने को विभाग सजग है। हर सप्ताह में दो रैक मंगवाए जा रहे हैं। सरकार की नीति के अनुसार किसानों को खाद मुहैया करवाने के लिए दिन-रात जांच अभियान जारी है।
क्या कहता है नियम
निर्धारित मानदंडों के अनुसार सहकारिता विभाग को भंडारण का रिकार्ड कृषि विभाग को प्रस्तुत करना चाहिए था। ब्यौरा अनुसार भंडारण रि-टेस्टिंग सैंपल की कार्रवाई को पूरा किया जाता है। यदि खाद इस्तेमाल योग्य न हो तो इसे डंप करने की कार्रवाई पूर्ण की जाती है। इन परिस्थितियों में कृषि विभाग अधिकारियों ने सहकारिता विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला लिया है।
सहकारिता कर्मियों का तर्क - जल्द प्रस्तुत करेंगे रिकार्ड
कलायत सहकारिता समिति के कर्मियों का तर्क है कि वे नियम अनुसार खाद का वितरण करते आए हैं। उन्हांेने किसी भी स्तर पर कोई अनियमितता नहीं की। जो स्टाक कलायत में मिला है उसका वे पूरा विवरण कृषि विभाग के समक्ष पेश करेंगे। उनका प्रयास हमेशा किसानों को जरूरत के अनुसार खाद मुहैया करवाना रहा है।
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