Haryana में दो युवाओं व एक युवती ने बना दिया TiK TOK का विकल्प

हरिभूमि : हिसार
आत्मनिर्भर भारत के आह्वान और टिक-टॉक के बैन के मात्र दो दिन बाद ही हिसार के दो युवाओं तथा व्यापारी की एक बेटी ने टिक टॉक (TiK TOK) के भारतीय विकल्प के तौर पर देसी कलाकार नाम से खुद की एंड्रॉयड एप (Android app) बना ली है। यह एप अब गूगल प्ले स्टोर (Google play store) पर उपलब्ध है और ट्रायल के दौरान मात्र दस दिन में ही हजारों लोगों ने इसको डाउनलोड कर लिया है। 4.8 रेंकिंग भी मिल चुकी है।
देसी कलाकार ऐप बनाने वाले किशन, अंशुल गर्ग और रोहित अग्रोहिया ने बताया कि इस एप को बनाने की योजना तो दो माह पहले ही बना ली थी लेकिन इसको बनाने में एक माह का समय लगा है। उन्होंने बताया कि यह देसी कलाकार एप चाइनीज प्रतिबंधित एप टिकटॉक का पूर्ण विकल्प है और टिकटॉक की तर्ज पर इस पर भी कोई व्यक्ति उपलब्ध संगीत के अलावा अपने संगीत या आवाज के साथ भी वीडियो बना कर अपलोड करके व्यूज लेकर देसी कलाकार स्टार बन सकता है। किशन ने बताया कि भविष्य में वे इस ऐप के माध्यम से इसके प्रयोक्ताओं को यूट्यूब की तर्ज पर कमाई का साधन भी उपलब्ध करवाएंगे ताकि इससे स्टारडम हासिल करने वाले कलाकार कमाई भी कर सके।
एमसीए पास है अंशुल
एप बनाने की टीम की तीसरी सदस्य अंशुल गर्ग डीसी कॉलोनी की रहने वाली है और इनके पिता आदित्य गर्ग का कैंट में डिपार्टमेंटल स्टोर है। इनकी मां कुसुम गर्ग गृहणी है और बड़ा भाई हिमांशु गर्ग ऑस्ट्रेलिया में एमटेक की पढ़ाई कर रहा है। अंशुल गर्ग ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से वर्ष 2018 में एमसीए की थी।
किशन व रोहित हैं बीटेक
इस ,प को बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले किशन बड़वाली ढाणी के रहने वाले हैं और इनके दादा सीताराम खत्ती की राजगुरु काम्पलेक्स में न्यू रैनबो टेलर्स के नाम से दुकान है। इनके पिता विनोद कुमार खत्ती तथा चाचा सुरेंद्र कुमार खत्ती भी दर्जी का काम करते हैं। किशन की मां ममता गृहणी है और बड़ा भाई नरेंद्र वर्मा प्रोफेशनल फोटोग्राफर है जबकि बहन राखी वर्मा ने बीकॉम तक शिक्षित है। किशन ने वर्ष 2017 में गुजवि से इनफोरमेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक की हुई है। एप बनाने की टीम के दूसरे सदस्य रोहित अग्रोहिया भी बड़वाली ढाणी का रहने वाला है और इनके दादा कन्हैया लाल अग्रोहिया तथा पिता जगदीश प्रसाद अग्रोहिया पेशे से दर्जी हैं और घर पर ही काम करते हैं। रोहित की मां गोदावरी देवी ग्रहणी है। रोहित अग्रोहिया ने भी वर्ष 2017 में गुजवि से ही Information Technology में बीटेक की है।
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