यूजीसी के निर्देश, 30 सितंबर तक करवाएं परीक्षा, अंतिम सेमेस्टर के छात्र नहीं होंगे प्रमोट

यूजीसी के निर्देश, 30 सितंबर तक करवाएं परीक्षा, अंतिम सेमेस्टर के छात्र नहीं होंगे प्रमोट
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दे दिए हैं कि अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को प्रमोट नहीं किया जाएगा। बल्कि यूनिवर्सिटी हर हाल में 30 सितम्बर तक परीक्षाएं करवाएं।

रोहतक। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दे दिए हैं कि अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को प्रमोट नहीं किया जाएगा। बल्कि यूनिवर्सिटी हर हाल में 30 सितम्बर तक परीक्षाएं करवाएं। यूजीसी का पत्र मिलने के बाद विवि परीक्षाएं करवाने की तैयारियां शुरू करें या नहीं, इसको लेकर असमंजस बनी हुई है। काेविड-19 के बढ़ रहे मामलों के बीच विवि परीक्षाएं करवाने का जोखिम लेने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में अब यूनिवसिर्टी प्रशासन को राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का इंतजार है। अकेले महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के विभिन्न कोर्स में अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की संख्या करीब सवा लाख है। ये छात्र मानकर चल रहे थे कि उनको वैश्विक महामारी के चलते बिना परीक्षा दिए ही डिग्री हासिल हो जाएगी। लेकिन यूजीसी ने 8 जुलाई को जारी किए पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं देश के सभी विश्वविद्यालयों को 30 सितम्बर से पहले संपन्न करवानी होंगी।

मई-जून में विश्वविद्यालयों विभिन्न कोर्स की परीक्षाएं आयोजित करवाई जाती हैं। लेकिन इस बार कोरोना की वजह से परीक्षाएं नहीं हो पाई। जून में प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया कि अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं होंगी। जबकि बाकि सेमेस्टर के छात्रों को प्रमोट किया जाएगा। सरकार के निर्देशों पर मदवि ने 6 जुलाई से परीक्षाएं आयोजित करवाने का शेड्यूल जारी कर दिया। इसी बीच परीक्षाएं न करवाने की मांग को लेकर छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने 23 जून को निर्णय लिया कि अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को भी पिछले परिणामों के आधार पर प्रमोट किया जाएगा। सभी विश्वविद्यालयों ने प्रमोट की प्रक्रिया शुरू कर दी तो 6 जुलाई को यूजीसी ने पत्र भेजकर कहा कि अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को प्रमोट नहीं किया जाएगा। बल्कि इसके लिए परीक्षाएं करवानी होंगी।

सरकार कर सकती है अनुरोध

महामारी का हवाला देकर राज्य सरकार केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को परीक्षाएं आयोजित न करवाने का अनुरोध कर सकती हैं। बता दें कि विवि की सुप्रीम बॉडी यूजीसी ही है। डिग्रियों को मान्यता आयोग से ही मिलती है। अब परीक्षाएं करवाने के जो निर्देश यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज को दिए हैं, उनको मानने के लिए विश्वविद्यालय बाध्य होंगे। राज्य सरकार के निर्देश मानने के लिए भी विवि बाध्य हैं।

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