DCRUST : ऑनलाइन परीक्षा में कैमरा दस सेकेंड भी बंद हुआ तो बनेगा यूएमसी

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (DCRUST) मुरथल की ऑनलाइन परीक्षा में अगर दस सेकेंड के लिए कैमरा बंद होने पर विद्यार्थी (Student) का यूएमसी बनेगा। डीसीआरयूएसटी ऑनलाइन परीक्षा (Online exam) में नकल रोकने के लिए कड़े नियम लागू करेगी। विश्वविद्यालय (University) की ऑनलाइन परीक्षा 18 अक्टूबर से प्रारंभ हो रही हैं।
ऑनलाइन परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय ने सभी प्रबंध कर लिए हैं। ऑनलाइन परीक्षा में नकल रोकने के लिए विश्वविद्यालय ने कड़े नियम लागू किए हैं, ताकि परीक्षा का आयोजन सरल व पारदर्शी ढंग से किया जा सके। लगभग तीन हजार विद्यार्थी विभिन्न पाठ्यक्रम की ऑनलाइन परीक्षा देंगे। डीसीआरयूएसटी ने अपने अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए होने वाली ऑनलाइन परीक्षा के लिए एक खास योजना तैयार की जिसमें नकल की संभावना न के बराबर होगी।
अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए 18 अक्टूबर से परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। ऑनलाइन परीक्षा के लिए सभी छात्रों को 42 पेज की उत्तर पुस्तिका भेजी गई हैं। दूरदराज क्षेत्रों के छात्रों को डाक से उत्तर पुस्तिका भेजी है जबकि अन्य छात्र आसपास स्थापित किए गए 17 केंद्रों से उत्तर पुस्तिका प्राप्त कर सकेंगे। उत्तर पुस्तिका लेने से पहले छात्र के मोबाइल पर एक विशेष ओटीपी नंबर आएगा जिसको बताने के बाद ही उसको उत्तर पुस्तिका जारी होगी। उत्तर पुस्तिका के प्रथम पेज पर दो वरिष्ठ प्रोफेसरों के हस्ताक्षर भी होंगे। ऑनलाइन परीक्षा में छात्र कैमरे के सामने बैठकर परीक्षा देगा। कैमरा और आडियो आफ करने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए एक प्रोफेसर विश्वविद्यालय में स्थापित की गई एक बड़ी स्क्रीन पर औसतन 20 छात्रों पर परीक्षा शुरू होने से लेकर अंत तक नजर रखेगा। प्रश्नावली परीक्षा शुरू होने से थोड़ी देर पहले ऑनलाइन भेजी जाएगी।
तीसरी बार कैमरे से दूर हुआ तो घोषित कर देंगे अयोग्य
परीक्षा के दौरान किसी तरह का भी शक होने पर प्रोफेसर किसी भी छात्र को अपना कैमरा अपने चारों ओर घुमाने के निर्देश दे सकता है। साथ ही अगर छात्र पहले 10 सेकेंड कैमरे से ओझल हुआ तो उस को चेतावनी दी जाएगी। दूसरी बार 10 सेकेंड के लिए ओझल हुआ तो उसका यूएमसी केस बनाया जाएगा। अगर एक ही परीक्षा के दौरान तीसरी बार 10 सेकेंड कैमरे से दूर होता है तो उसे अयोग्य करार दिया जाएगा। अगर तकनीकी कारणों से भी छात्र कैमरे से दूर होगा तो यह उसी की जिम्मेदारी होगी। वजह विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा के लिए पहले ही दो विकल्प दिए थे। जो छात्र ऑफलाइन परीक्षा देना चाहता है तो वह परीक्षा केंद्रों पर पहुंच कर दे सकता है। अगर वह ऑनलाइन देना चाहता है तो उसे इंटरनेट के स्वयं ठोस प्रबंध करने होंगे।
खास तरह का स्टीकर चिपकाना होगा उत्तर पुस्तिका के नीचे
परीक्षा पूरी होने के बाद अंतिम लाइन के नीचे विश्वविद्यालय द्वारा भेजा गया खास तरह का स्टीकर चिपकाना होगा। स्टीकर एक बार ही काम करेगा, अगर इसको एक बार चिपकाकर उतारने की कोशिश की गई तो यह उत्तर पुस्तिका के पेज को फाड़ देगा। परीक्षा पूरी होने के बाद उत्तर पुस्तिका को मोटे कागज से बने एक विशेष लिफाफे में डालना होगा, जो कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भेजा गया है। जिसमें एक बार ही इस्तेमाल होने वाली दो सील लगी होंगी। अगर सील के साथ छेड़खानी की कोशिश की गई तो वह दूसरी बार काम ही नहीं करेगी। साथ ही सील के ऊपर खास तौर पर भेजे गए दो होलोग्राम भी चिपकाने होंगे। उसके बाद उसे एक अन्य लिफाफे में डाल कर विश्वविद्यालय में भेजना होगा। यह सारी प्रक्रिया कैमरे में कैद होगी और जिस पर विश्वविद्यालय परिसर में लगाई गई स्क्रीन पर स्टाफ की निगाहें होंगी।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से परीक्षा का आयोजन होना
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से परीक्षा का आयोजन होना है। ऑनलाइन परीक्षा की रिहर्सल कर ली गई है। विवि प्रबंधन की पूरी तैयारी है। नियमों को भी पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया गया है। किसी भी छात्र के लिये नियमों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। अंतिम वर्ष के छात्रों के लिये 18 अक्टूबर से परीक्षा प्रारंभ होगी।
- प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत, कुलपति, डीसीआरयूएसटी, मुरथल।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS