हरियाणा के इन दो शहरों को बिना कट बिजली देकर बनाया जाएगा इन्वर्टर मुक्त

हरियाणा के बिजली और अक्षय ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह ने फतेहाबाद-सिरसा सर्कल में बिजली के खंभों की व्यवस्था करने और नये पानी के नलकूप कनेक्शन देने के संबंध में बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को फतेहाबाद-सिरसा सर्कल में नया नलकूप कनेक्शन समयबद्ध तरीके से देने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
बैठक के उपरांत बिजली मंत्री ने बताया कि बैठक में गुरुग्राम और पंचकूला को निर्वाध (बिना कट) बिजली देने के विषय पर हो रहे कामों की भी समीक्षा की गई है। उन्होंने बताया कि हमने पहले इन दो शहरों को मॉडल के तौर बिना किसी कट के बिजली देने और इन्वेटर मुक्त शहर बनाने का लक्ष्य रखा है। हमारा प्रयास है कि बिजली के कट जिन कारणों से लगते हैं, उन्हें एडवांस में दूर किया जाए ताकि बिना कट व अबाधित 24 घंटे बिजली मिल सके। इसमें चाहे खराब ट्रांसफार्मर, बिजली की तारें, पेड़ आदि की समस्याएं हैं, उन सभी को एडवांस में ठीक रखा जाए। उन्होंने बताया कि जून-जुलाई के महीने में तेज आंधी और बारिश के कारण खंबे ज्यादा टूटते है, इसलिए अब सभी खंबों पर मार्किंग की जा रही हैं ताकि किसी प्रकार की दिक्कत न हो। बिजली मंत्री ने बताया कि यदि इन दो शहरों में ये प्रयोग जब सफल हो जाएगा और इस मॉडल में आने वाली बाधाओं का भी पता चल जाएगा, तो इसे पूरे हरियाणा में लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य पूरे हरियाणा को 24 घंटे बिजली देने का है, इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हम करीब 5300 गांवों को 24 घंटे बिजली दे रहे हैं। हरियाणा औद्योगिक क्षेत्र में बिजली उपलब्ध करवाने में देश के अग्रणी राज्यों में है और हमारी कोशिश है कि 6 महीने के भीतर हरियाणा के सभी किसानों को उनके ट्यूबवेल के कनेक्शन दे दिए जाएं। इसी कड़ी में फतेहाबाद व सिरसा जिले में जुलाई के अंत तक कनेक्शन दे दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा करीब 50 हजार ट्यूबवेल के कनेंक्शन के लिए आवेदन किए गए थे, जिनमें से हमने करीब 35 हजार कनेंक्शन दे दिए हैं और बाकी भी जल्द दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की एक बड़ी दिक्कत का निवारण करते हुए राज्य सरकार ने ट्यबवेल की मोटर बनाने वाली 7 कंपनियों को स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिनसे सीधे किसान अपनी मोटर खरीद कर लगा सकते हैं। उन्होंने कहा धान की फसल के दौरान बिजली की खपत ज्यादा होती है, इसकी भी पहले से तैयारी कर ली है और जल्द ही हाईपरचेज कमेटी की बैठक में अतिरिक्त बिजली खरीदने को मंजूरी मिल जाएगी।
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