कांवड़ियों के जत्थे पर चढ़ा अनियंत्रित ट्रक, एक शिव भक्त की मौत, चार घायल

हरिभूमि न्यूज : नांगल चौधरी
राजस्थान के शाहंजापुर के पास एक अनियंत्रित ट्रक ने कांवडि़यों के जत्थे को कुचल दिया। हादसे में नांगल चौधरी के गांव गोठड़ी के कांवड़िए की मौत हो गई तथा चार शिव भक्त घायल हुए हैं। जिन्हें बहरोड़ व जयपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों के ब्यान कलमबंद किए हैं। इसके बाद केस दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक गोठड़ी गांव के करीब 30 शिव भक्त कांवड़ लाने हरिद्वार गए थे। 17 जुलाई को करीब 15 लोगों का एक जत्था कांवड़ लेकर रवाना हुआ था। यूपी, दिल्ली, हरियाणा के बार्डर को क्रॉस करने के बाद शनिवार की रात एक बजे शाहंजापुर पहुंचे थे। यहां एक शिविर में उन्होंने विश्राम करके 3:30 बजे मंजिल की ओर रवाना हुए। हाईवे की सर्विस लेन पर चढ़े ही थे कि अचानक पीछे से एक अनियंत्रित ट्रकनूमा वाहन ने टक्कर मार दी। घटना में शिव भक्त छीत्तरमल पुत्र घीसाराम टॉयरों के नीचे कुचला गया, जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। श्योचंद पुत्र शंकरलाल को सिर में गंभीर चोट लगी है, जिसको कोमे की हालात में जयपुर रेफर किया गया है। तीन अन्य घायल राजेश कुमार पुत्र रूड़ाराम गोठड़ी, ग्यारसीलाल पुत्र रामकुवार गोठड़ी व चेतराम स्वामी की ढाणी राजस्थान को बहरोड़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हादसे की सूचना मिलते ही शिविर में ठहरे लोग तथा अन्य दुकानदार मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना देकर घायलों को अस्पताल पहुंचाने का प्रबंध किया। पुलिस के पहुंचने से पहले चारों घायलों को बहरोड़ के अस्पताल में भर्ती करवा दिया था। करीब 4:15 बजे घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना दी तथा घटना स्थल का नक्शा बनाया। परिजनों के ब्यानानुसार केस दर्ज कर लिया है।
दो परिवारों का इकलौता सहारा था
ग्रामीणों ने बताया कि मृतक के छोटे भाई की करीब दो साल पहले कैंसर से मौत हो गई थी। इसके बाद छीत्तरमल ही दो परिवारों के पालन-पौषण तथा बच्चों की पढ़ाई करवा रहा था। शनिवार की सुबह ट्रक के रूप में आई मौत ने परिवार की आजीविका छीन ली। हादसे के बाद परिजन बोलने की स्थिति में नहीं।
सरकार से आर्थिक सहायता की गुहार
सरपंच के प्रतिनिधि रामकरण कसाना ने बताया कि मृतक छीत्तरमल गांव के देवनारायण मंदिर का पुजारी था। जिसके पास करीब आधा एकड़ जमीन है। इतनी कम जमीन की पैदावार से परिजन गुजारा नहीं कर पाएंगे। उन्होंने प्रशाासन ने मृतक के आश्रितों को आर्थिक सहायता देने की गुहार लगाई है, ताकि बच्चों की पढ़ाई व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे।
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