बागवानी बीमा योजना में अब 21 सब्जियों, फल और मसाले की फसलों को सुरक्षा कवर उपलब्ध करवाया जाएगा

बागवानी बीमा योजना में अब 21 सब्जियों, फल और मसाले की फसलों को सुरक्षा कवर उपलब्ध करवाया जाएगा
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इस योजना के तहत सब्जियों में टमाटर, प्याज, आलू, फूल गोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, व मूली वहीं फलों की फसलों में आम, किन्नू, बेर व अमरुद सहित मसालों में हल्दी व लहसुन की फसलों को योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है।

हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद

किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई बागवानी बीमा योजना, बागवानी किसानों के लिए एक अभूतपूर्व योजना है। यह योजना किसानों को सब्जियों, फलों व मसालों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम से मुक्त कर उनकी लागत की भरपाई करने में कारगर साबित होगी। जिला के किसान इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाए।

उपायुक्त महावीर कौशिक ने बताया कि बागवानी किसानों को विभिन्न कारणों से भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है। फसलों में बीमारी लगने, असमय वर्षा, तूफान, सूखा और तापमान बढ़ने जैसी आपदाओं से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब इस योजना के तहत 21 सब्जियों, फल और मसाले की फसलों को सुरक्षा कवर उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसानों की आय को दोगुना करने व फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बागवानी बीमा योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से जिला में बागवानी खेती करने वाले किसान खेती के समय होने वाले जोखिमों को कम कर सकते हैं।

उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत सब्जियों में टमाटर, प्याज, आलू, फूल गोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, व मूली वहीं फलों की फसलों में आम, किन्नू, बेर व अमरूद सहित मसालों में हल्दी व लहसुन की फसलों को योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है। इस योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों पर 30000 रुपये प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा जिसके लिए किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा। वहीं फलों की खेती पर 1000 रुपये प्रति एकड़ का प्रीमियम देखकर किसान 40000 रुपये प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है।

न्होंने बताया कि योजना के तहत बीमा दावे का निपटारा करने के लिए सर्वे किया जाएगा जिसके तहत फसल नुकसान को चार श्रेणियों 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत, 75 और 100 प्रतिशत में आंका जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल मेरा ब्योरा पर रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है।

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