मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत रोगियों को 25 गंभीर बीमारियों के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी आर्थिक सहायता

हरियाणा सरकार गरीब लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर अनेक योजनाएं लागू कर रही है ताकि गरीब व्यक्ति भी अपना इलाज अच्छे अस्पतालों में करवा सके। मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से भी रोगियों को सीधा लाभ प्रदान किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गरीब व्यक्तियों को ईलाज के लिए तुरंत प्रभाव से लाभ मिले इसको सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष योजना में संशोधन किया है। अब 03 बीमारियों के ईलाज के स्थान पर करीब 25 बीमारियों के ईलाज के लिए पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक सहायता प्रदान करवाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थी सरल पोर्टल के माध्यम से सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। उन्होंने बताया कि आवेदक अपनी पीपीपी यानी परिवार पहचान पत्र आईडी के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए आवेदकों को अपने चिकित्सा बिल, ओपीडी बिल आदि जैसे अन्य संबंधित दस्तावेजों को अपलोड कर मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) से चिकित्सा आधार पर वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष योजना में किए गए बदलावों के तहत यदि कोई बीमारी आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में कवर नहीं हो रही है, तो आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को भी इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत आर्थिक सहायता के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें संबंधित सासंद, संबंधित एमएलए, उपायुक्त, सिविल सर्जन, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के अध्यक्ष, जिला परिषद के चेयरमैन, पंचायत समिति के चेयरमैन को सदस्य और नगराधीश को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि आवेदक आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए जब सरल पोर्टल के माध्यम से अपना आवेदन करेगा, उसके बाद आवेदन को संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, अध्यक्ष जिला परिषद, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर, एमसी के अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा और ये जनप्रतिनिधि पांच दिन के भीतर अपनी सिफारिशों के साथ उपायुक्त कार्यालय को भेजेंगे। उसके उपरांत आवेदन को उपायुक्त कार्यालय द्वारा संबंधित तहसीलदार को आवेदक की चल-अचल संपत्ति की वेरिफिकेशन तथा सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिए भेजा जाएगा।
उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए इस पूरी प्रक्रिया में संपत्ति की वेरिफिकेशन के लिए चार दिन व सिविल सर्जन कार्यालय से जुड़े सत्यापन कार्य के लिए पांच दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त दोनों विभागों से मिली रिपोट्र्स को उपायुक्त की संस्तुति के साथ कमेटी के सदस्य सचिव को भेजा जाएगा, जिसे वे सीनियर एकाउंट अधिकारी को भेजेंगे। इसके बाद स्वीकृत की गई राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेज दी जाएगी।
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