बेरोजगारों के पास उद्यमी बनने का माैका : लघु उद्योग लगाने के लिए बहुत कम ब्याज पर सरकार दे रही ऋण, जानिये पात्रता की शर्तें

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम इस वर्ग को विभिन्न रोजगार के साथ जोड़ने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रही है। लघु व्यवसाय योजना एक ऐसी योजना है जिसको अपनाकर अनुसूचित जाति के परिवार खुद का रोजगार शुरू कर सकते हैं। प्रदेश सरकार की यह बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है।
उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि यह निगम ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित जाति के 49000 रुपये तक की वार्षिक आय वाले तथा शहरी क्षेत्र के 60000 रुपये तक आय वाले नागरिकों को खुद का काम शुरू करने का मौका देता है। ऐसे परिवारों की आय उपार्जन योजनाओं के लिए लघु उद्योग स्थापित करने के लिए 1.50 लाख रुपये तक ऋण चार से छह प्रतिशत तक ब्याज की दर पर उपलब्ध करवाता है। इस वर्ग के परिवार इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। योजना के तहत औद्योगिक क्षेत्र, व्यापार व व्यवसायिक क्षेत्रों के विभिन्न आय पैदा करने वाली योजनाओं के लिए 1.50 लाख रुपये तक ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। अनुदान कुल परियोजना लागत का 50 प्रतिशत, अधिकतम राशि 10 हजार रुपये तक उपलब्ध करवाया जाता है।
औद्योगिक व्यापारिक व व्यावसायिक क्षेत्रों में उपलब्ध हैं योजनाएं
औद्योगिक क्षेत्र: बढई गिरी, लोहार गिरी, हथकरधा, लकड़ी का काम/आरा मशीन, खिलौना बनाना, साबुन बनाना, मोटर साइकिल के पुर्जे बनाना, तेल का कोल्हू, आटा चक्की, मोमबत्ती बनाना, माचिस बनाना, टायर रिट्रेडिंग, चमड़ा व चमड़े के कार्य, खंडशारी या गुड़ बनाना, ब्रास हार्डवेयर, दरी बनाना, चीनी के बर्तन बनाना, छापा-खाना, हाथ से बुनने की मशीन, पॉलीथिन/कागज के लिफाफे बनाना, लेथ कार्य, वैल्डिंग, टर्नर कार्य, ग्राइंडिंग, मिक्सी बनाना, मोटर/मोटरसाइकिल की मरमत आदि योजनाएं हैं।
व्यापारिक क्षेत्र : चाय की दुकान, दवाइयों की दुकान, मिठाई की दुकान, फलों की दुकान, पान की दुकान, खेल के सामान की दुकान, ऑटा ेरिक्शा/ साइकिल रिक्शा की मरम्मत की दुकान, क्रोकरी की दुकान, स्टेशनरी की दुकान, खाद की दुकान, ऊन का व्यापार, लकड़ी की टाल, सॉफ्ट ड्रिंक्स की एजेंसी, कोयले का डिपो, तूंड़ी की टाल, सीमेंट की दुकान, कबाड़ी की दुकान, ड्राईक्लीनर की दुकान, फोटोग्राफी, किताबों की दुकान, घड़ी की मरम्मत की दुकान, जूता मरम्मत, रेडियो टीवी मरम्मत की दुकान, करियाना की दुकान, होटल/ढाबा/हलवाई की दुकान, कुकिंग, गैस, गैस स्टील मरम्मत, कपड़े की दुकान, ठेकेदारी, टायर डीलर व खोखा आदि की योजनाएं हैं।
व्यवसायिक क्षेत्र: ई-रिक्शा, ब्यूटी पार्लर, ऑटो रिक्शा डीजल/पेट्रोल, डॉक्टर व्यवसाय, ट्रैक्टर ट्रॉली व्यावसायिक प्रयोग, आर्किटेक्ट्स व्यवसाय, बुटीक, चार्टर्ड अकाउंटेंट व कानूनी व्यवसाय शामिल है।
पात्रता की शर्तें
योजना का लाभ लेने के लिए प्रार्थी बेरोजगार होना चाहिए। प्रार्थी की वार्षिक पारिवारिक आय ग्रामीण क्षेत्र में 49 हजार रुपये तथा शहरी क्षेत्र में 60 हजार से अधिक नहीं होनी चाहिए। प्रार्थी का नाम बीपीएल सर्वेक्षण सूची में सम्मिलित होना चाहिए। प्रार्थी अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग से संबंधित होना चाहिए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS