कैथल में एक और घोटाला : CSC संचालक डकार गए युवाओं का बेरोजगारी भत्ता, गाज गिरती दिखी तो जिला प्रबंधक ने दे दिया इस्तीफा

हरिभूमि न्यूज : कैथल
कैथल और जिला प्रशासन का घोटालों का नाता बन गया है। नगर परिषद, जिला परिषद में करोड़ों के घोटालों के बाद अब जिले के रोजगार विभाग व कॉमन सर्विस सेंटर का घोटाला सामने आया है। कुछ कॉमन सर्विस सेंटर संचालकों ने बेरोजगार युवाओं के स्थान पर अपना बैंक खाता दिखाते हुए उनका करीब चार लाख का बेरोजगारी भत्ता हड़प लिया। इसमें कॉमन सर्विस सेंटर के जिला प्रबंधक की भूमिका भी पाई गई। यही नहीं जिला प्रबंधक वसीम अहमद स्वयं भी नौकरी के साथ-साथ बेरोजगारी भत्ता ले रहा था। जब मामला उजागर हुआ तो आरोपियों ने विभाग में चार लाख की रिकवरी भी जमा करवा दी तथा जिला प्रबंधक ने सक्षम युवा का भत्ता भी जमा करवा दिया। जब मामले में गाज गिरती नजर आई तो जिला प्रबंधक वसीम अहमद ने स्वयं अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
जब जिला प्रशासन के सामने घोटाला की बात आई तो जिला उपायुक्त प्रदीप दहिया ने मामले में कार्रवाई के लिए संबंधित कंपनी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। इस संबंध में कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर आशीष शर्मा से बातचीत करनी चाही तो उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में वह फोन पर कोई भी अधिकृत जानकारी नहीं दे सकते। गौरतलब है कि जिला रोजगार कार्यालय के माध्यम से दी जाने वाली बेरोजगारी भत्ता व सक्षम योजना में लाखों रुपये का घोटाला उजागर हुआ था। इस बारे बाद विभाग ने उच्चाधिकारियों व उपायुक्त पा्रदीप दहिया को इसके बारे में अवगत करवाया था। इसमें एक कर्मचारी जिला रोजगार कार्यालय का भी शामिल था, जो नौकरी के साथ विभाग से मेहनताना ले चुका है। इसमें कई कामन सर्विस सेंटर के संचालकों ने भी बेरोजगार युवाओं के कागजात का प्रयोग कर धोखाधड़ी की थी। विभाग ने बेरोजगारों को कार्यालय में बुला कर इस धोखाधड़ी में प्रयोग किए गए कागजों की जांच की थी। जांच में उन्होंने बताया था कि उनकी खातों में राशि नहीं आई है। इसके बाद यह पूरा मामला सामने आया था।
चार लाख की रिकवरी हुई
जैसे ही मामला उजागर हुआ तो आरोपितों में हड़कप मच गया। उन्होंने आनन-फानन में करीब चार लाख रुपये की राशि विभाग के पास जमा करवा दी। इसमें अटल सेवा केंद्र के जिला प्रबंधक पर भी करीब 40 हजार रुपये का भत्ता राशि हड़पने का आरोप लगा था। 2018 से जिला प्रबंधक नौकरी पर लगे हुए थे। उसके बाद 2021 तक रोजगार कार्यालय से भत्ता ले रहे थे। जांच होने पर विभाग ने रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्होंने रिकवरी जमा करवा दी थी।
यूं मिलती है सक्षम युवा योजना के तहत राशि
सक्षम युवा योजना के तहत सरकार की ओर से 12वीं पास युवा को काम मिलने पर 6500 रुपये, बीए पास को सात हजार रुपये, एमए पास को नौ हजार रुपये और काम न मिलने पर 12वीं पास को 900 रुपये, बीए पास को 1500 रुपये, एमए पास को तीन हजार रुपये का बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है। विभाग इस राशि को लाभार्थियों के खाते में सीधे भेजता है।
सीएससी सेंटर संचालकों का वेतन भी फंसा
इसके साथ ही ग्राम पंचायत घर में सीएससी सेंटर संचालक को भी विभाग द्वारा चार हजार वेतन दिया जाता है। कई सीएससी सेंटर संचालकों का भी कहना है कि उनका वेतन भी पिछले कई माह से बकाया है। नाम न छापने की शर्त पर सीएससी संचालकों ने बताया कि कुछ कर्मचारी मिलकर उनका वेतन भी डकार गए क्योंकि उनको करीब तीन माह से वतन नहीं मिला है।
जांच के लिए विभाग को पत्र लिखा : डीसी
जिला उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि बेरोजगारी भत्ते की गड़बड़ी से संबंधित जानकारी मिली थी। जांच के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। सीएससी कंपनी का कर्मचारी भी नौकरी छोड़ गया है। कंपनी को मामले में जांच करवाने के आदेश दिए गए हैं।
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