हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में देखने को मिला भारतीय कला-संस्कृति का बेजोड़ संगम

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University of Haryana) महेंद्रगढ़ में विश्वविद्यालय की स्थापना के चौदह वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम स्पंदन का रविवार को समापन हो गया। कार्यक्रम के प्रातःकालीन पुरस्कार वितरण सत्र में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर मुख्य अतिथि के रूप में गरिमामयी उपस्थिति रही जबकि सायंकालीन समापन सत्र की शोभा हरियाणवी लोक कलाकार गजेंद्र फोगाट ने विशिष्ट अतिथि के रूप में बढ़ाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की प्रथम महिला प्रो. सुनीता श्रीवास्तव व कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कौशल किशोर ने कहा कि हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय ने सिर्फ शैक्षणिक मोर्चे पर ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, खेलकूद आदि के मोर्चे पर भी अपने आप को साबित किया है। विश्वविद्यालय ने स्थापना के इतने कम समय में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति अर्जित की है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि आज समय है कि विद्यार्थी केवल साक्षर नहीं बल्कि शिक्षित बने और इसके लिए जरूरी है कि हम सभी मिलकर नशे की लत से दूरी बनाएं। आत्मनिर्भर व विकसित भारत के लिए जरूरी है कि हमारी युवा पीढ़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिखाए गए नशा मुक्त भारत के निर्माण में योगदान दें और न खुद इससे दूर रहें बल्कि दूसरों को भी नशे से बचाने का संकल्प लें।
इसी क्रम में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने स्वागत भाषण देते हुए विश्वविद्यालय द्वारा अर्जित विभिन्न उपलब्धियों के माध्यम से समूची विकास यात्रा का स्मरण किया और भविष्य की कार्ययोजना पर भी प्रकाश डाला। इससे पूर्व में विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन की निदेशक प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने वंडर्स ऑफ इनोवेशन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारी कोशिश है कि विद्यार्थियों, शोधार्थियों व शिक्षकों के शोध व नवाचार की संस्कृति का विकास हो।
कार्यक्रम के समापन सत्र में उपस्थित विशिष्ट अतिथि गजेंद्र फोगाट ने युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कला-संस्कृति का नशा सबसे अच्छा है और विश्वविद्यालय स्तर पर इस तरह के आयोजन यकीनन सराहनीय है। विश्वविद्यालय में स्थापना दिवस के अंतिम दिन आंतरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ की निदेशक प्रो. सारिका शर्मा ने विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत शिक्षकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों, आउटसोर्स कर्मचारियों व पहली बार विद्यार्थियों के लिए शुरू किए गए पुरस्कारों की जानकारी दी।
इस पुरस्कार वितरण समारोह में 11 शिक्षकों को फैकल्टी रिसर्च अवार्ड, 8 विद्यार्थियों को स्टूडेंट रिसर्च अवार्ड, 6 शिक्षणेतर कर्मचारियों को बेस्ट परफोर्मेंस अवार्ड तथा 9 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों व 2 सुरक्षाकर्मियों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
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