संस्था की अनूठी पहल : झुग्गियों में तैयार किए जा रहे भविष्य के डॉक्टर और इंजीनियर

संस्था की अनूठी पहल : झुग्गियों में तैयार किए जा रहे भविष्य के डॉक्टर और इंजीनियर
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12 वर्षों से झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा के लिए कोचिंग दे रही श्री नर नारायण सेवा समिति, 2008 में एक सेंटर से की थी शुरूआत,आज शहर में 17 सेंटर पर करवाई जा रही पढ़ाई।

सूरज सहारण. कैथल

"किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार, किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार..तो जीना इसी का नाम है"। यह बोल हमने एक पुरानी फिल्म के गाने में सुने होंगे और कभी-कभी समाज में भी देखते होंगे जो लोग बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद करते हैं। इसी गाने को चरितार्थ किया है कैथल की एक संस्था ने जो बिना किसी स्वार्थ के उन गरीब बच्चों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है जो बच्चे कभी कबाड़ बीन कर जिंदगी चला रहे थे। ऐसे ही श्री नर नारायण सेवा समिति द्वारा कैथल शहर की सेवा बस्ती और 15 झुग्गियों-झोपड़ीयों में भविष्य के डॉक्टर व इंजीनियर को तैयार कर रही है। कभी बच्चों को भीख मांगने की शिक्षा देने वाले अभिभावक अब बच्चों के भरोसे पर सुनहरे सपने देखने लगे हैं। इनके माता - पिता को उम्मीद है कि भविष्य में उनके बच्चे पढ़ लिख कर बड़े अफसर बनगें ओर उनकी गरीबी भरी जिंदगी से निजात दिलवाएंगे।

इन सपनों को चरितार्थ करने के लिए श्री नर नारायण सेवा समिति अपने अथक प्रयास कर रही है। समिति के संरक्षक राजेश गर्ग बताते हैं कि उन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए 2008 में सिर्फ रविवार के दिन से शुरूआत की थी लेकिन उनको यह प्रयास नाकाफी लगा। फिर उन्होंने रोजाना पढ़ाना शुरू किया और किताबें के साथ स्टेशनरी भी देने लगे। 2015 तक आते-आते उन्होंने एक संस्था बना ली और लोगों से भी सहयोग मिलने लगा। इसकी बदौलत आज पूरे शहर में 17 सेंटर चलाए जा रहे हैं जहां 700 के करीब बच्चे रोजाना मुफ्त ट्यूशन व कोचिंग ले पा रहे हैं। समिति के प्रधान राजेश गोयल ने बताया कि यह सभी सेंटर झुग्गियों व गरीब बस्तियों में चलाए जा रहे हैं।

धन्यवाद करने के लिए अपने हाथ से बना कर दे रहे दीपक व ग्रीटिंग कार्ड

शहर के कुछ दानी सज्जन भी इस मुहिम से जुड़े हुए हैं जो अपनी कमाई में से कुछ हिस्सा इन बच्चों के भविष्य के लिए इस संस्था को दान करतें है.. इन गरीब बच्चों ने अबकी बार दीपावली पर इन दानी सज्जनों के लिए एक विशेष मुहिम चलाई है जिसमें अपने हाथ से बनाए मिट्टी के दीपक और ग्रीटिंग कार्ड उन लोगों तक पहुंचा रहे हैं जो उनको पढ़ाने लिखाने में मदद कर रहे हैं.. बच्चों का कहना है कि उनके पास देने के लिए कुछ नहीं है, वह सिर्फ प्यार की भावना से ग्रीटिंग और दीपक के माध्यम से इस दिवाली पर उन्हें मदद के लिए थैंक्स कहना चाहते हैं..

10वीं में हासिल किए थे 90 % से ज्यादा अंक

सेंटर पर शाम को ट्यूशन और दिन में निजी स्कूल में पढ़ाई करने वाली तीन छात्राओं ने गत वर्ष में 10 वीं की बोर्ड परीक्षा में आंचल, मुस्कान व नंदिनी ने 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल किए थे । आंचल डॉक्टर, मुस्कान आईएएस और नंदिनी शिक्षिका बनना चाहती है।

छह पदाधिकारियों समेत आज 30 सदस्य कर रहे सहयोग

प्रधान राजेश गोयल ने बताया कि संस्थाओं ने कुछ बच्चों को गोद ले भी ले रखा है ओर वो उनका पूरा खर्च भी उठा रहें हैं। इसके अलावा समय-समय पर बच्चों को किताबें, स्टेशनरी, कपड़े व जूते आदि भी दिए जा रहे हैं। शहर के काफी लोग अब अपना जन्मदिन भी इन बच्चों के साथ मनाते हैं। इस समय इस संस्था में कुल तीस सदस्य कार्य कर रहे हैं जो बिलकुल निश्वार्थ भाव से गरीब बच्चों की सेवा में लगे रहते हैं।

वेतन पर रखे हैं शिक्षक

संस्था ने बच्चों को पढ़ाने के लिए वेतन पर शहर के सभी सेंटरों पर 25 शिक्षक रखे हैं। इनमें से ज्यादातर बीएड के साथ साथ एचटेट,सीटेट और नेट क्वालिफाइड हैं जो इन बच्चों को उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

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