अनोखी शादी : दूल्हे ने दहेज में तुलसी का पौधा लेकर दुल्हन से जोड़ा 7 जन्मों का नाता

सूरज सहारण : कैथल
जिला कैथल के गांव करोड़ा के अमित बनवाला ने सात समुंद्र पार से आकर विवाह अवसर पर दहेज के रूप में एक तुलसी का पौधा लेकर जीवन संगीनी अनु गिल से सात जन्मों का नाता जोड़ा है। जिस दौर में युवा वर्ग हर पल कोठी, बंगला, नौकर-चाकर, हीरे-मोती और ऐश आराम की कहीं ज्यादा अभिलाषा रखता है उस बीच तकनीकी शिक्षा हासिल दूल्हे ने बड़ी नजीर पेश की है। एक तरह से सकारात्मक सोच के जरिये भारत की पुरानी आदर्श वैवाहिक परंपरा को जीवित करने में उसने अपना योगदान दिया है।
वधू पक्ष परिवार में बीकाम पास अनु गिल, पिता रामनिवास गिल व माता संतोष हैं। दुल्हन के पिता रामनिवास गिल और मां संतोष ने बेटेे की तरह बेटी की परवरिश की है। वर्तमान परिवेश के अनुसार शादी तय होते ही अमित बनवाला ने अपने परिवार की तरफ से यह संदेश भिजवाया कि वे दहेज स्वीकार नहीं करेंगे। उसने सुसराल पक्ष के लोगों से दहेज में दिए जाने वाले धन को बेटा-बेटी की परवरिश में व्यय करने की अपील की। इससे हर कोई बेहद प्रभावित हुआ। गांव प्यौदा में पहुंचने पर अमित बनवाला और अनु गिल सहित बारात का गर्मजोशी से अभिनंदन किया। हर कोई अमित की सोच को सलाम कर रहा है।
शिक्षा से बड़ा नहीं कोई धन
अमित के पिता जसवंत सिंह बनवाला ने कहा कि शिक्षा से बड़ा कोई धन और दुल्हन से बड़ा कोई दहेज नहीं होता। इसलिए परिवार और सगे संबंधियों ने दहेज न लेने का निर्णय लिया। उनके घर में पढ़ी लिखी बहू आई है यही उनके लिए बहुत धन है।
दहेज के लिए नहीं दूूंगी कोई ताना
अमित की माता उषा ने कहा कि अक्सर बेटियों को समाज में बोझा माना जाता है। इनके जन्म लेते ही परिवार के लोगों को विवाह पर होने वाले खर्च की चिंता सताने लगती है। इसके चलते बेटियों को उम्मीद के अनुरूप आगे बुराई को समाप्त करने के लिए भी उन्होंने यह निर्णय लिया है। भारतीय संस्कृति में बहू-बेटियों को लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है। वह अपनी बहू को सदैव बेटी मानेगी।
सम्मान से ऊंचा हुआ करोड़ा गांव का सिर
अमित के पिता जसवंत बनवाला ने कहा कि अमित ने दहेज में एक तुलसी का पौधा लेकर गांव करोड़ा का सिर ऊंचा कर दिया है। अन्य युवा भी इस वैवाहिक परंपरा से प्रेरणा लेते हुए रिश्तों की डोर को मजबूत करने का काम करेंगे।
समाज सुधार का कार्य कर रहे युवा
अनु के चचेरे भाई अनिल गिल प्यौदा ने कहा कि इस विवाह परंपरा से उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया। जिस तरह सैनिक सीमाओं की प्रहरी की भूमिका अदा करते हैं उसी तरह सकारात्मक सोच के युवा व युवती समाज सुधार का कार्य करते हैं। राष्ट्र निर्माण की दिशा में यह बड़ा कदम है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS