चोरी की अनोखी वारदात : हाई प्रोफाइल सोसायटी में सुरक्षा पर सवाल, चाबी-आरसी फ्लैट में और कार गायब

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी
गढ़ी बोलनी रोड स्थिति अमंगनी बिल्डंग को शहर की सबसे महंगी सोसायटी के रूप में जाना जाता है। सुरक्षा की दृष्टि से उत्तम मानते हुए इसमें आर्थिक रूप से संपन्न लोग रहते हैं। इसके बावजूद एक घटनाक्रम ने सोसायटी की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान लगा दिए हैं। इस सोसायटी से एक ऐसी कार गायब हो गई, जिसकी आरसी और चाबियां दोनों फ्लैट के अंदर थीं। सोसायटी के बेसमेंट में बनी पार्किंग से गाड़ी का गायब होना सोसायटी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। गाड़ी चोरी होने की शिकायत थाना कसोला पुलिस को की गई, परंतु पुलिस ने आज तक केस दर्ज नहीं किया है। सोसायटी के प्रभारी ने इसे आपसी विवाद का मामला बताते हुए कहा है कि गाड़ी ले जाने वाले लोग उसे लौटाने की बात पुलिस के समक्ष स्वीकार कर चुके हैं।
सोसायटी के एक फ्लैट में रहने वाली महिला ने 11 जून को कसोला थाना पुलिस को दर्ज शिकायत में बताया किया कि उसका भाई उसी के फ्लैट में करीब दो साल से रह रहा था। वही अपने भाई की देखरेख करती थी। गत 8 मार्च को बीमारी के कारण उसके भाई की मौत हो गई थी। उसके भाई की गाड़ी अमंगनी सोसायटी के बेसमेंट की पार्किंग में खड़ी हुई थी। महिला ने बताया कि गत 8 जून को जब वह पार्किंग में गई, तो उसके भाई की गाड़ी वहां से गायब थी। गाड़ी की दोनों चाबियां और आरसी उसके फ्लैट में मौजूद हैं। महिला ने बताया कि जब उसने सोसायटी के केयर टेकर त्रिलोकचंद शर्मा से बात की, तो उन्होंने बताया कि एक महिला आई थी। वह गाड़ी की आरसी दिखाने के बाद गाड़ी ले गई।
शर्मा ने दावा किया कि महिला गाड़ी की आरसी दिखाकर उसे अपने साथ ले गई। शिकायतकर्ता महिला का दावा है कि गाड़ी की आरसी और दोनों चाबियां उसके पास हैं। इसके बाद सवाल यह उठता है कि एक ही गाड़ी की दो आरसी कैसे बन गईं। दोनों चाबियां फ्लैट में मौजूद होने के बावजूद गाड़ी की चाबियां कहां से आईं। अगर कार की दावेदार बताने वाली महिला ने दूसरी आरसी बनवाई, तो बिना पहली आरसी जमा किए उसे नई आरसी कैसे इश्यू हो गई। महिला ने अपनी शिकायत में स्पष्ट किया है कि जब सोसायटी में कार सुरक्षित नहीं है, तो उस पर भी हमला हो सकता है। इसके बाद महिला अपने फ्लैट को ताला लगाकर कहीं दूसरे स्थान पर रहने लगी है।
एफआईआर से बच रही पुलिस
इस मामले में थाना कसोला पुलिस की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि शिकायत मिलने के लगभग 20 दिन बाद भी पुलिस ने केस दर्ज क्यों नहीं किया। सूत्रों के अनुसार गाड़ी चोरी होने की शिकायत मिलने के बाद जब जांच शुरू हुई, तो गाड़ी के मालिक की पत्नी ने पुलिस के समक्ष पेश होकर बताया था कि वह गाड़ी अब उसके नाम है, इसलिए वह गाड़ी को लेकर गई थी। इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि चोरी की शिकायत दर्ज कराने वाली महिला का दावा है कि उसके भाई ने एक वसीयत लिखवाई थी, जिसमें अपने परिवार के किसी सदस्य को मौत के बाद शव तक हासिल करने का अधिकार भी नहीं छोड़ा था।
अभी मामले की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकेगा। मामला आपसी विवाद का नजर आ रहा है, जिस कारण एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। अभी देख रहे हैं। -जसलीन कौर, एसएचओ।
गाड़ी ले जाने वाली पार्टी पुलिस के समक्ष होकर स्पष्ट कर चुकी है कि यह गाड़ी के मालिक की पत्नी लेकर गई थी। उसने पुलिस को दस्तावेज भी दिखाए हैं। इसके बावजूद वह गाड़ी भी लौटाने को तैयार है। मैंने तो आरसी देखने के बाद गाड़ी ले जाने की अनुमति दी थी। सोसायटी पूरी तरह सुरक्षित है। पूरी छानबीन के बाद ही यहां प्रवेश की अनुमति दी जाती है। -त्रिलोक शर्मा, केयर टेकर, अमंगनी सोसायटी।
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