Online Transfer Policy से बाहर हुए यूनिवर्सिटी कर्मचारी, अब इस मुद‍्दे पर फंसा पेंच

Online Transfer Policy से बाहर हुए यूनिवर्सिटी कर्मचारी, अब इस मुद‍्दे पर फंसा पेंच
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यूनिवर्सिटी कर्मचारी अब दूसरे आंदोलन की तैयारियां शुरू कर रहे हैं। संगठनों का कहना है कि विश्वविद्यालय ही अपने कर्मचारियों की भर्ती करेंगे, न की राज्य सरकार। मालूम हो कि गत 15 फरवरी को सरकार ने यूनिवर्सिटी के सी और डी कर्मचारी की भर्ती एक पत्र जारी करके अपने हाथ में ले ली थी। अब इसके विरोध में ही आंदोलन के बीज कर्मचारियों द्वारा अंकुरित किए जा रहे हैं।

अमरजीत एस गिल : रोहतक

प्रदेश के विश्वविद्यालय कर्मचारी सरकार की ऑनलाइन तबादला पॉलिसी से 13 सितम्बर को बाहर हुए हैं। मुख्य सचिव कार्यालय ने सोमवार को एक पत्र जारी किया। इसकी प्रतिलिपि प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय को नहीं की गई है। इससे पहले ऑनलाइन तबादला नीति को लेकर मुख्य सचिव कार्यालय ने जितनी बार भी पत्र व्यवहार किया, उतनी ही बार एक कॉपी विश्वविद्यालय प्रशासन को भेजी।

कर्मचारी संगठन विरोध में

लेकिन सोमवार को जारी किए गए पत्र की प्रतिलिपि विश्वविद्यालयों को नहीं है। ऐसे में कर्मचारी अब यह कह सकते हैं कि उनके द्वारा किए आंदोलन की वजह से ही सरकार ने यूनिवर्सिटी कर्मचारियों को ऑनलाइन तबादला नीति से बाहर किया है। लेकिन यूनिवर्सिटी कर्मचारी अब दूसरे आंदोलन की तैयारियां शुरू कर रहे हैं। संगठनों का कहना है कि विश्वविद्यालय ही अपने कर्मचारियों की भर्ती करेंगे, न की राज्य सरकार। मालूम हो कि गत 15 फरवरी को सरकार ने यूनिवर्सिटी के सी और डी कर्मचारी की भर्ती एक पत्र जारी करके अपने हाथ में ले ली थी। अब इसके विरोध में ही आंदोलन के बीज कर्मचारियों द्वारा अंकुरित किए जा रहे हैं।

आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने को एमडीयू में बैठक भी हो चुकी है। मालूम हो कि पिछले दिनों विश्वविद्यालय कर्मचारियों द्वारा सरकार की ऑनलाइन तबादला नीति का कड़ा विरोध किया गया तो उच्चतर शिक्षा महानिदेशक ने यूनिवर्सिटी प्रशासनों को पत्र भेजकर कहा था कि उनके कर्मचारियों की ऑनलाइन तबादला नीति का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। लेकिन यह पत्र डीएचई की तरफ से विश्वविद्यालयों को भेजा गया था। जबकि कर्मचारियों का रिकॉर्ड पोर्टल पर अपलोड करने के आदेश यूनिवर्सिटी प्रशासनों को मुख्य सचिव ने दिए हुए थे। कर्मचारियों में असमंजस था कि कर्मचारियों का रिकॉर्ड पोर्टल पर अपलोड करवाने के आदेश मुख्य सचिव दे रहे हैं। जबकि तबादला पॉलिसी से इंकार कर उच्चतर शिक्षा महानिदेशालय कर रहे हैं।

ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी

सोमवार को पत्र राज्य सरकार के सभी विभागाध्यक्ष, एमडी एवं मुख्य प्रशासक बोर्ड और निगम, सभी आयुक्तों और उपायुक्त को संबोधित पत्र मुख्य सचिव कार्यालय ने भेजा है। इस पत्र में बताया गया है कि ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी को 'आऊटसोर्सिंग पोलिसी पार्ट-2' के तहत लगे अनुबंध कर्मचारियों पर भी लागू करने का निर्णय लिया है। पत्र में बताया गया है कि सरकार ने प्रदेश में एक कैडर के 80 या इससे अधिक संख्या वाले कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर पोलिसी लागू कर दी है। उन्होंने बताया कि कुछ विभागों, निगमों व बोर्डों में 'आऊटसोर्सिंग पोलिसी पार्ट-2' के तहत लगे अनुबंध कर्मचारियों की संख्या हजारों में है। इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि एक ही कैडर के 80 या इससे अधिक संख्या में 'आऊटसोर्सिंग पोलिसी पार्ट-2' के तहत लगे है।

फरवरी में जारी किया था पत्र

विश्वविद्यालय के सी और डी कर्मचारियों की भर्ती का अधिकार सरकार ने गत 15 फरवरी को छीनते हुए एक पत्र प्रदेश की यूनिवर्सिटी प्रशासनोें को जारी किया था। इस पत्र का विरोध उस समय विश्वविद्यालय कर्मचारी संगठनों ने नहीं किया था। लेकिन गत 19 अगस्त को जब ऑनलाइन तबादला नीति के विरोध में एमडीयू कर्मचारी हड़ताल पर चले गए तो सरकार ने तुरंत मामले की गम्भीरता को भांपा। इसके बाद एक पत्र उच्चतर शिक्षा निदेशालय से जारी करवा दिया।

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