अनुसूचित जाति के किसानों के लिए कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक अनुदान, जानें ये योजनाएं

अनुसूचित जाति के किसानों के लिए कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक अनुदान, जानें ये योजनाएं
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वर्ष 2020-21 के लिए 193.63 करोड़ रुपए की विभिन्न योजनाओं का प्रावधान किया गया है।प्रवक्ता ने बताया कि सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन’ के अंतर्गत किसानों को गेंहू, दलहन की फसलें व मोटे अनाज,गन्ना तथा कपास की फसलों में खरपतवार नाशक, जिप्सम कीटनाशकों, जैव उर्वरक, बीज वितरण तथा स्प्रे पम्पों आदि पर अनुदान दिया जाता है।

Haryana : प्रदेश के अनुसूचित जाति के किसानों के कल्याणार्थ केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई गई हैं। वर्ष 2020-21 के लिए 193.63 करोड़ रूपए की विभिन्न योजनाओं का प्रावधान किया गया है।प्रवक्ता ने बताया कि सरकार द्वारा 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन' के अंतर्गत किसानों को गेंहू, दलहन की फसलें व मोटे अनाज,गन्ना तथा कपास की फसलों में खरपतवार नाशक, जिप्सम कीटनाशकों, जैव उर्वरक, बीज वितरण तथा स्प्रे पम्पों आदि पर अनुदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि 'आत्मा' स्कीम के अंतर्गत ट्रेनिंग के दौरान अनुसूचित जाति के किसानों को ट्रेनिंग के अलावा भ्रमण, प्रदर्शन इत्यादि गतिविधियां करवाई जाती हैं। इसके अलावा, 'इन-सीटू क्रोप रेजीड्यू मैनेजमैंट स्कीम', 'सब-मिशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन स्कीम' तथा 'अनुसूचित जाति के समूहों' हेतु कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।

उन्होंने आगे बताया कि अन्य किसानों की भांति अनुसूचित जाति के किसानों की कृषि भूमि के लिए भी 'मृदा स्वास्थ्य कार्ड' बनाए जा रहे हैं ताकि वे मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार अपनी फसलों की बिजाई करके बेहतर उपज ले सकें। प्रदेश में राज्य स्तरीय स्कीम के तहत बैटरी चालित 200 स्प्रे पम्पों पर सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है। इन किसानों को बॉयोगैस स्कीम के तहत एक क्यूबिक के बॉयोगैस प्लांट पर 10 हजार रूपए तथा 2 से 6 क्यूबिक तक के बॉयोगैस प्लांट पर 13 हजार रूपए प्रति संयंत्र अनुदान दिया जाता है। भूमिगत पाइप लाइन स्कीम, फव्वारा संयंत्र प्रणाली तथा टपका सिंचाई योजनाओं के तहत किसी भी सिंचाई प्रणाली पर कुल खर्च का 85 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।

प्रवक्ता के अनुसार सरकार द्वारा एल्युनियम आधारित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली पर अनुसूचित जाति के किसानों को कुल खर्च का अधिकतम 28,650 रूपए का लाभ दिया जाता है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा अनुसूचित जाति की आबादी वाले गांव में 'राष्ट्रीय कृषि विकास योजना' के तहत जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया जाता है तथा हल्दी प्रसंस्करण इकाई की स्थापना करके अनुसूचित जाति के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जाताा है।

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