UPSC Results : 22 की उम्र में भिवानी की बेटी निशा ने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की

UPSC Results : 22 की उम्र में भिवानी की बेटी  निशा ने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की
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चार सितंबर को अपना बाइसवां जन्मदिन मनाने वाली हमेशा ग्रेवाल सेवानिवृत्त अध्यापक रामफल की पौत्री हैं जबकि पिता सुरेन्द्र ग्रेवाल बिजली निगम में सीनियर शिफ़्ट अटेंडेंट के रूप में कार्यरत हैं। लाड़ली कि इस उपलब्धि पर जहां परिवार वाले फूले नहीं समा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ़ ग्रामीणों का सिर फक्र से ऊंचा हो गया है

हरिभूमि न्यूज़. भिवानी

खेलों के दम पर अपनी धाक ज़माने वाले भिवानी के युवा अब यूपीएससी में अपना लोहा मनवाने लगे हैं। गांव बामला की बेटी निशा ने यूपीएससी में 51 वां स्थान हासिल कर बता दिया कि मिनी क्यूबा के युवाओं के युवाओं के पंच में जितना दम है उतने ही तेज़ तर्रार वह दिमाग़ी रूप से भी हैं। चार सितंबर को अपना बाइसवां जन्मदिन मनाने वाली हमेशा ग्रेवाल सेवानिवृत्त अध्यापक रामफल की पौत्री हैं जबकि पिता सुरेन्द्र ग्रेवाल बिजली निगम में सीनियर शिफ़्ट अटेंडेंट के रूप में कार्यरत हैं। निशा की माता प्रोमिला गृहणी के रूप में बच्चों की बेहतर परवरिश कर रही है।

लाड़ली कि इस उपलब्धि पर जहां परिवार वाले फूले नहीं समा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ़ ग्रामीणों का सिर फक्र से ऊंचा हो गया है।बारहवीं की परीक्षा के भिवानी के भिवानी पब्लिक स्कूल से करने वाली हमेशा ने अपनी ग्रेजुएशन दिल्ली विश्वविद्यालय से पास की है। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। निशा का छोटा भाई दिल्ली विश्वविद्यालय से ही ग्रेजुएशन कर रहा है।निशा ने इस सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों, पिता, माता सहित पूरे परिवार को दिया है । उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत व लगन से जीवन में बनाए गए किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भी प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है बस उन्हें अवसर मिलना चाहिए।


51 वां रैंक हासिल करने वाली निशा ने बताया कि 2019 में जब उन्होंने अपने ग्रेजुएशन पास की थी तो उससे पहले ही UPSC की परीक्षा को पास करने की ठान ली थी। गणित अध्यापक दादा राम फल की मेहनत का ही परिणाम है कि निशा ने पहली ही बार में परीक्षा पास कर दादा का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। बचपन से ही निशा को पढ़ाई के प्रति रुझान को देखते हुए दादा रामफल में हर एक मुक़ाम पर मार्गदर्शन किया जहाँ पर उसे ज़रूरत महसूस हुई।

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