उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मिलने पहुंचे PTI टीचर्स पर पुलिस बल का प्रयोग

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मिलने पहुंचे PTI टीचर्स पर पुलिस बल का प्रयोग
X
अपनी बहाली की मांग को लेकर PTI टीचर्स लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं शनिवार को उचाना में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Deputy CM Dushyant Chautala) के आने की सूचना पर जमकर बवाल मचाया। इस दौरान पीटीआई अध्यापकों ने कार्यक्रम स्थल से काफी दूर थाली बजा रोष प्रदर्शन करना शुरू किया तो पुलिस ने हलका बल का प्रयोग कर अध्यापकों को खदेड़ दिया।

जींद। सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) के आदेशों पर शिक्षा विभाग से निकाले गए 1983 पीटीआई अध्यापकों ने शनिवार को उचाना में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Deputy CM Dushyant Chautala) के आने की सूचना पर जमकर बवाल मचाया। इस दौरान पीटीआई अध्यापकों (PTI teachers) ने कार्यक्रम स्थल से काफी दूर थाली बजाकर रोष प्रदर्शन करना शुरू किया तो पुलिस (Police) ने हलका बल का प्रयोग कर अध्यापकों को खदेड़ दिया। अध्यापकों ने इस दौरान पुलिस तथा प्रशासन की तानाशाही के खिलाफ रोष व्यक्त किया और कहा कि लोकतंत्र (Democracy) में उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

उचाना स्थित कपास मंडी में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए आए थे। इसकी सूचना शिक्षा विभाग से निकाले गए 1983 पीटीआई अध्यापकों को लग गई और उन्होंने अपना विरोध दर्ज करवाने की योजना बनाई थी। अध्यापकों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस तथा खुफिया एजेंसिंया पहले से ही सतर्क थी। जिसके चलते कपास मंडी से काफी दूरी पर ही पुलिस ने नाकाबंदी कर दी गई थी। पीटीआई अध्यापक थाली बजा अपना रोष व्यक्त करने लगे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। जिस पर दोनों ही पक्षों में बहस भी हुई। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने हलका बल प्रयोग कर अध्यापकों को खदेड़ दिया।

पीटीआई राज्य वरिष्ठ उप प्रधान वजीर गांगोली ने कहा कि हरियाणा सरकार अपने फैसले को तुरंत प्रभाव से वापस ले और सम्मानजनक 1983 पीटीआई अध्यापकों को पुन: नौकरी पर बहाल करे। इसी मांग को लेकर वो अपनी बात रखने के लिए उचाना कपास मंडी पहुंचे थे लेकिन यहां उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया गया। सरकार पूर्णतया तानाशाही पर उतर आई है। एक और तो 2000 परिवारों को सड़क पर ला दिया है और अब उनकी बात तक सुनने को भी तैयार नहीं है। लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का हक है। लोकतांत्रिक सरकार होने के नाते सभी की बात सुन कर उनका समाधान करना सरकार का कर्तव्य है लेकिन उनकी बात तक नहीं सुनी जा रही है।

Tags

Next Story