मुंह खुर व गलघोंटू बीमारी से मुक्ति के लिए 20 मार्च तक होगा पशुओं का टीकाकारण

Haryana : प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि प्रदेश के पशुपालकों के पशुओं को मुंह खुर व गलघोंटू जैसी बीमारी से छुटकारा दिलाने के लिए पूरे प्रदेश में पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। एक दिसंबर 2020 से शुरू होकर 20 मार्च 2021 तक चलने वाले इस अभियान के तहत अब तक प्रदेश के करीब 50 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुकी है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को पूरा करने के लिए ही यह अभियान शुरू किया गया है। कृषि मंत्री ने बताया कि दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है, लेकिन हमारे पशुओं के दुध की मांग अन्य देशों में इसलिए नहीं होती थी क्योंकि उन देशों के लोगों का मानना था कि यहां के पशु कई बीमारियों से ग्रस्त रहते है। लेकिन इस टीकाकरण अभियान के माध्यम से सभी दुधारू पशुओं को सभी रोगों से मुक्त बनाया जाएगा।
दूध व दुग्ध उत्पादों की बढ़ेगी मांग
उन्होंने कहा कि इसके बाद दुनिया के देशों में भारत के दूध व दुग्ध उत्पादों की मांग बढ़ेगी और किसानों की आय में इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि पहले मुंहखुर तथा गलघोंटू बीमारियों की रोकथाम के लिए देश में पशुओं के टीकाकरण के लिए चार अलग- अलग अभियान चलाए जाते थे जिसका किसान यह कहकर विरोध करते थे कि इससे पशुओं में कमजोरी आती है और दूध उत्पादन पर भी विपरित असर पड़ता है। लेकिन पशु चिकित्सकों का मानना है ऐसा नहीं है फिर भी भारत सरकार द्वारा एक ऐसे टीके को इजाद किया गया है जो इन तीनों बीमारियों को एक साथ खत्म कर देगा।
एक वर्ष में दो बार चलेगा अभियान
अब प्रदेश में टीकाकरण के लिए एक वर्ष में दो बार ही अभियान चलेगा। इसकी शुरूआत भी भारत सरकार द्वारा हरियाणा प्रदेश से वर्ष 2019-20 में यह मानते हुए की थी कि हरियाणा के किसान अन्य प्रदेशों के किसानों की तुलना में पशु पालन के क्षेत्र में अधिक जागरूक है। इस क्षेत्र में सरकार को हरियाणा में शानदार सफलता मिली है। कृषि मंत्री ने बताया कि वर्तमान में कोई भी पशु गलघोटू व मुंहखुर की बीमारी ग्रस्त नहीं पाया गया है। प्रदेश में 50 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया गया है।
पशुपालक प्रत्येक पशु का करवाएं टीकाकरण: डॉ जयपाल सिंह
पशुपालन विभाग के एसडीओ डॉ.जयपाल सिंह ने पशुपालकों को सलाह दी है कि पशुपालक चार माह से उपर आयु के प्रत्येक पशु टीकाकरण अवश्य लगवाएं। टीकाकरण से पशुओं के दूध उत्पादन पर कोई विपरित असर नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर पशुपालक को चाहिए कि वह डॉक्टरों की टीमों का सहयोग करें ताकि इन बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सके। लोहारू व सिवानी उपमंडल में एक लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।
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