बरसात के बाद सब्जियों के दामों में लगी आग : आम आदमी की रसोई से टमाटर हुआ दूर, फलों की कीमतें भी आसमान पर

कैथल। बारिश व नवरात्र पर्व शुरू होते ही सब्जियों के दामों में भारी इजाफा हुआ है। खेत में लगी सब्जी बारिश की भेंट चढ़ गई। महंगाई के चलते आम लोगों की थाली से हरी सब्जी गायब हो रही है। लोकल सब्जी की आवक कम होने से सब्जियों की कीमत दो गुना तक बढ़ गई है। भाव में आए उछाल से हर वर्ग परेशान हैं। बीते तीन दिनों से लगातार हुई बरसात से सब्जी की खेती पर काफी प्रभाव पड़ा है। बरसात से खेतों में गोभी, टमाटर, हरी मिर्ची समेत कई हरी सब्जियों की फसल नष्ट हो गई। इसका असर कीमतों पर भी पड़ रहा है। बता दें कि बरसात से पहले हरी मिर्च 50 रुपये प्रतिकिलो थी। जो अब 100 रुपये प्रतिकिलो पहुंच गई है। वहीं नींबू 80 रुपये किलो थे अब 120 पर पहुंच गए है। मटर 80 थे अब 150 रुपये किलो हो गए है। बरसात व नवरात्र पर्व के कारण सब्जियां गरीब की थाली से बहुत दूर हो गई है।
लोकल सब्जियों की आवक हुई कम
सब्जी विक्रेता सुखदेव ने बताया कि बरसात की वजह से लोकल सब्जियों की आवक कम हो गई है। माल कम आने से मंडी में सब्जी महंगी कीमत पर मिलती है। इसका असर फुटकर व्यापार पर भी पड़ रहा है। इसके साथ नवरात्र पर्व आने, शादियों का सीजन शुरू होने व जागरण जैसे शुभ कार्य होने का भी काफी प्रभाव है। इनमें सब्जियों की अधिक लागत होती है। इस कारण से सब्जियों कीमतें बढ़ गई है।
आम लोगों की थाली से सब्जी गायब
सब्जी विक्रेता रवि कुमार ने बताया कि बरसात के बाद सब्जियों के दाम आसमान छू गए हैं। आम लोगों के लिए तो सब्जी खानी मुश्किल हो गई है। बरसात से पहले घीया 20 रुपये किलो थी, जो तीन दिन की बरसात के बाद ही 40 रुपये किलो हो गई है। बरसात ने सब्जियों पर दोगुना असर किया है। सब्जियों की दाम बढ़ने से आम लोगों की थाली से सब्जी गायब हो गई है।
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