Budget session : मुख्यमंत्री मनोहर लाल बोले - विधायक आदर्श ग्राम योजना के तहत अब शहरों में भी खर्च कर सकेंगे पैसे

Budget session : मुख्यमंत्री मनोहर लाल बोले - विधायक आदर्श ग्राम योजना के तहत अब शहरों में भी खर्च कर सकेंगे पैसे
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  • बालसमंद में कन्या महाविद्यालय का नाम चौधरी भजनलाल के नाम पर होगा
  • नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा गलत आंकड़े देना उनकी स्वयं की छवि को करता है घूमिल
  • हम आलोचनाओं से नहीं डरते, व्यवस्था परिवर्तन के लगातार जारी रखेंगे काम

चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन में घोषणा करते हुए कहा कि विधायक आदर्श ग्राम योजना के तहत अब विधायक 2 करोड़ रुपये की राशि गांवों के साथ-साथ शहरों में भी खर्च कर सकेंगे। अब इस योजना को भी विधायक आदर्श नगर एवं ग्राम योजना कहा जाएगा। इस योजना के तहत विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक नोडल अधिकारी होंगे। यदि कोई अधिकारी यूसी समय पर नहीं देता तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि हिसार जिला के गांव बालसमंद में बनने वाले कन्या महाविद्यालय का नाम स्वर्गीय चौधरी भजनलाल के नाम पर रखा जाएगा। वर्ष 2021-22 में 4 हजार प्ले-वे स्कूल खोलने की घोषणा के अलावा वर्ष 2023-24 में 4 हजार प्ले-वे स्कूल खोले जाएंगे। सदन में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा सरकार पर कर्ज से संबंधित दिए गए आंकड़ों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 नवंबर 2022 से लेकर अब तक 5 बार उन्होंने अलग-अलग कर्ज के आंकड़े दिए हैं। इस प्रकार के गलत आंकड़े देना नेता प्रतिपक्ष की ही छवि को ही धूमिल करता है। राज्य सरकार लगातार भौतिक विकास के साथ-साथ सामाजिक सुधार के काम भी कर रही है। हम विपक्ष की आलोचनाओं से नहीं डरते, बल्कि हमारे व्यवस्था परिवर्तन के काम लगातार जारी रहेंगे।

विपक्ष कर्ज के आंकड़ों को बताता है गलत, जबकि वर्तमान में कर्ज घटा

मनोहर लाल ने सदन में स्पष्ट करते हुए कहा कि पब्लिक डेब्ट यानी कर्ज के अंदर तीन मद शामिल होते हैं। विपक्ष इन सभी मदों को एक साथ मिलाकर कर्ज के आंकड़े बताता है, जो सही नहीं है। वर्ष 2014-15 में स्टेट पब्लिक इंटरप्राइजेज के तहत कर्ज 69922 करोड़ रुपये था, जबकि वर्ष 2021-22 में 47211 करोड़ रुपये है। इसी प्रकार वर्तमान में कर्ज घटा है। जीएसडीपी लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में यह लभगग 10 लाख करोड़ तक हो गई है। कर्ज की सीमा जीएसडीपी के 25 प्रतिशत थी, जो कोविड के दौरान 33 प्रतिशत कर दी गई थी। हम आज भी 26-27 प्रतिशत के अंदर है। जबकि पंजाब आज 48 प्रतिशत पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 बिजली निगमों पर लगभग 37 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर्ज था, जो अब घटकर 14,800 करोड़ रुपये रह गया है।

प्रदेश में बढ़ी निवेश की रफ्तार

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा कार्यकाल में प्रदेश में निवेश की रफ्तार बढ़ी है। जनसंख्या के आधार पर हरियाणा निवेश के मामले में देश में तीसरे नंबर पर है। पहले स्थान पर प्रति व्यक्ति निवेश यानी 303 रुपये के साथ कर्नाटक पहले स्थान पर, 108 रुपये के साथ महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर तथा हरियाणा में 90 रुपये है। कृषि क्षेत्र में वर्ष 2023-24 में 7341 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो कुल बजट का 3.9 प्रतिशत है। जबकि वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमानों में 5758 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2021-22 में 4100 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था। वर्ष 2014-15 में 2156 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था, जोकि कुल बजट का 3.4 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये पुरानी पेंशन योजना के तहत दिया जा रहा है। नई पेंशन योजना के तहत लगभग 1225 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। भविष्य में यह 10 हजार करोड़ रुपये नई पेंशन योजना में चले जाएंगे।


दूरदर्शिता की सोच के साथ काम करने की जरूरत

उन्होंने कहा कि बजट बनाने से पहले सभी हितधारकों से सुझाव लेने की पहल शुरू की थी। इस बार भी 700 सुझाव आए, जिनमें से अधिकांश सुझावों, जो व्यवहार्य थे, उनको शामिल किया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा गवर्नेंस में बदलाव के लिए कई अन्य क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया है। हमें नागरिकों के कल्याण के लिए राजनीतिक विचारधाराओं से ऊपर उठना होगा। भौतिक विकास के अलावा व्यवस्था परिवर्तन के कामों पर भी बजट का एक बहुत बड़ा हिस्सा खर्च होता है। इसलिए दूरदर्शिता की सोच के साथ काम करने की जरूरत है।

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