विजिलेंस ने एसडीएम ऑफिस के क्लर्क को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया

विजिलेंस ने एसडीएम ऑफिस के क्लर्क को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया
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सरकारी क्लर्क द्वारा  रिश्वत मांगने की शिकायत शिकायतकर्ता ने विजिलेंस टीम को दी थी। शिकायतकर्ता ने टीम को बताया कि उसने ड्राइविंग लाइसेंस ऑनलाइन अप्लाई किया था जिसके बाद उसका संपर्क कार्यालय में कार्यरत रमेश से हुआ जिसने शुरू से लेकर आखिर तक लाइसेंस बनवाने का जिम्मा लिया और इसकी अवज में उसने 5000 रुपए मांगे।

समालखा : हरियाणा सरकार द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के दावे किए जा रहे हैं। हालांकि रिश्वतखोरी के केस में आए दिन रिश्वत लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है। लेकिन उसके बावजूद भी सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे। ऐसा ही मामला समालखा से सामने आया है जिसमें समालखा के एसडीएम कार्यालय में कार्यरत रमेश नामक क्लर्क जो कि पिछले काफी वर्षों से एसडीएम कार्यालय में क्लर्क पद पर तैनात है। बुधवार को विजिलेंस के हाथों 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए धरा गया। शिकायतकर्ता ने नौ अगस्त को रमेश के खिलाफ करनाल विजिलेंस ऑफिस को ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की एवज में रिश्वत मांगे जाने की शिकायत दी थी।

जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने अपना ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस अप्लाई किया था। मगर कोई दस्तावेज जमा नहीं करवाए थे। लाइसेंस बनवाने के नाम पर शिकायतकर्ता से पांच हजार रुपए में बात हुई। आरोपी क्लर्क रमेश ने शिकायतकर्ता से एक हजार रुपए पहले ले लिए। बाकी चार हजार रुपए लेने के लिए 10 अगस्त से क्लर्क फोन पर शिकायतकर्ता से बातचीत कर रूपयों की डिमांड करता था।

इधर, बुधवार को शिकायतकर्ता ने आरोपी रमेश को चार हजार रुपए लेने के लिए समालखा चौकी के पास बुला लिया। जिस पर आरोपी बाइक पर सवार होकर समालखा चौकी के पास पहुंचा तो शिकायतकर्ता ने उसे चार हजार रुपए उसे दे दिए। तभी करनाल विजिलेंस ने क्लर्क रमेश को रंगे हाथों पकड़ लिए और उसके पास से रिश्वत के रूप में लिए गए चार हजार रूपये बरामद किए। विजिलेंस ने रमेश को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और करनाल विजिलेंस थाने में रमेश के खिलाफ भ्रष्टाचार एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की।

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