विजिलेंस ने शिक्षा विभाग के डाटा असिस्टेंट क्लर्क को दो लाख की रिश्वत लेते दबोचा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ भी केस

हरिभूमि न्यूज जींद
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने शिक्षा विभाग के डेटा असिस्टेंट को दो लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे रंगे हाथों काबू किया है। पुलिस ने डेटा असिस्टेंट क्लर्क तथा जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रोहतक के भालोट निवासी अमरजीत ने स्टेट विजिलेंस को दी शिकायत में बताया कि उसका स्मार्ट किड्स के नाम से स्कूल है। कुछ दिन पहले जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय टीम ने स्कूल पर छापेमारी की थी। कुछ कमियां मिलने पर उसे नोटिस दिया गया था। इन कमियों को ठीक करने के लिए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी टीम पांच लाख रुपए की डिमांड कर रही थी। वीरवार को रिश्वत राशि की पहली किश्त देनी थी। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए विजिलेंस ब्यूरो ने छापामार दल का गठन किया। नायाब तहसीलदार अजय को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। जब की कार्रवाई को अंजाम देने के लिए इंस्पेक्टर मनीष, एसआई बलजीत, कमलजीत और सिपाही सोनू को टीम में शामिल किया गया। छापामार दल ने शिकायतकर्ता को दो हजार के 100 नोट दिए। शिकायतकर्ता ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सदानंद से संपर्क साधा तो उसे एसडी स्कूल के निकट आने के लिए कहा और डेटा असिस्टेंट क्लर्क घनश्याम को रुपए देने की बात कही। जिस पर शिकायतकर्ता रिश्वत राशि लेकर एसडी स्कूल के पास पहुंचा। जैसे ही उसने क्लर्क घनश्याम को रुपए दिए तो छापामार दल ने घनश्याम को काबू कर लिया और उससे रिश्वत राशि बरामद कर ली। पुलिस ने घनश्याम तथा जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के निरीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि स्कूल की कमियों को दूर करने के लिए पांच लाख रिश्वत मांगी गई थी। जिस पर दो लाख पहली किश्त देने के लिए शिकायतकर्ता ने क्लर्क घनश्याम को रिश्वत राशि दी तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस घनश्याम से पूछताछ कर रही है।
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