Narnaul : विजिलेंस ने क्लर्क को रंगे हाथों पकड़ा, आरसी कैंसिंल करवाने के एवज में ले रहा था रिश्वत

हरिभूमि न्यूज :नारनौल
एसडीएम कार्यालय में क्लर्क को आरसी कैंसिल करवाने के नाम पर आवेदनकर्ता से तीन हजार की डिमांड की। इसकी शिकायत आवेदनकर्ता ने विजिलेंस टीम को कर दी। इसके बाद विजिलेंस टीम ने शुक्रवार सुबह लघुसचिवालय में एसडीएम कार्यालय की एमआरसी ब्रांच के क्लर्क के पास शिकायकर्ता को 500-500 के चार नोट देकर भेजा। जैसे ही क्लर्क ने यह राशि पकड़ी, इशारा मिलते ही विजिलेंस नारनौल के इंचार्ज निरीक्षक नवलकिशोर शर्मा की टीम ने इस दो हजार की राशि को लेते हुए आरोपित क्लर्क बलजीतसिंह को रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपित र्क्लक बलजीत सिंह को पकड़कर विजिलेंस टीम कार्यालय लेकर गई। विजिलेंस टीम में इंस्पेक्टर नवलकिशोर शर्मा, सब इंस्पेक्टर जयचंद, हवलदार रविंद्र व मनोज, कांस्टेबल देवेंद्र व कम्प्यूटर ऑपरेटर रविसिंह शामिल थे।
यह है मामला : गांव पटीकरा के संदीप यादव की शिकायत है कि एक गाड़ी मारूति रियाज वर्ष 2017 में खरीदी थी। उसकी आरसी एचआर-35एन9596 उसके नाम से रजिस्टर्ड है। ये गाड़ी चोला मंगलम कंपनी से फाइनेंस करवा रखी थी। इस गाड़ी का एक्सीडेंट 26 जून 2021 को हो गया था। इस गाड़ी का इन्श्योरेंस बजाज एलान्ज कंपनी से था। इंश्योरेंस कंपनी ने गाड़ी रिपेयर ना करके टोटल लोस करार दिया और बजाज की तरफ से गाड़ी की आरसी कैंसल करवाने के लिए कहा गया। इसके लिए छह सितंबर को अपनी फाइल तैयार करके एसडीएम कार्यालय नारनौल के कमरा नंबर 11 में जमा करवा दी।फाइल में फाइनेंस कंपनी की एनओसी तथा 35ए फार्म पहले ही प्राप्त करके लगा दिया था। इसके बाद 14 सितंबर को वह अपनी फाइल के संबंध में एसडीएम कार्यालय के कमरा नंबर 11 आरसी क्लर्क बलजीत सिंह के पास गया। अपनी आरसी कैंसिल कराने के संबंध में बातचीत की तो बलजीत सिंह ने बताया कि आपकी गाड़ी की इन्योरेंस खत्म हो गई है। एचपी लोन भी नहीं उतरा है। जवाब में कहा कि फाइल में फाइनेंस कंपनी से फार्म 35ए लगाया हुआ है तो उसने कहा इसकी फीस कटेगी। फीट कटाने के लिए हां कर दी तो उसने एक हजार रुपये ले लिए और फाइल पर 480 रुपये लिखकर फाइल देकर रसीद कटवाने के लिए भेज दिया। रसीद कटवा कर फाइल वापिस बलजीत को दे दी। बलजीत ने कहा कि यदि काम करवाना है तो 17 सितंबर को दो हजार ओर लेकर के आ जाना। काम हो जाएगा और आरसी कैंसिल का प्रमाण पत्र उसी समय दे दिया जाएगा। इस कर्मचारी से कोई दुश्मनी नहीं है और ना ही कोई लेनदेन बाकी है। इस कर्मचारी को वह रिश्वत नहीं देना चाहता। इसी शिकायत पर विजिलेंस टीम ने कार्रवाई की।
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