जातीय विवाद में उलझा जींद का यह गांव : एक पक्ष लगा रहा बहिष्कार का आरोप, दूसरा पक्ष ने नकारा, मामले को जातीय रंग देने से ग्रामीण खफा

हरिभूमि न्यूज. उचाना ( जींद )
भाईचारे की मिशाल रहा गांव छातर अब विवाद को लेकर सूर्खिया बन रहा है। दो पक्षों के बीच हुई मारपीट के मामले ने जातिगत रंग लिया तो भाईचारा भी हासिये पर चला गया। जिस पर राजनीतिक रंग भी शुरु हो गया। 12 हजार वोटों वाले सबसे बडे गांव छातर ने दो विधायक भी दिए हैं। बावजूद इसके जातीय जहर घुलने के चलते गांव की फिजा दुषित हो रही है। हालांकि पुलिस ने पूर्व में हुए झगड़े के मामले में एससी एसटी एक्ट के तहत मामले दर्ज किए हुए हैं।
मामला सुलझने की बजाए उलझता चला गया। यहां तक की पुलिस ने पूर्व सरपंचों समेत 23 पंचायतियों के खिलाफ भी एससी एसटी एक्ट के तहत मामले दर्ज कर लिए गए। एससी पक्ष के लोगाें का कहना है कि उनका जातीय बहिष्कार किया गया है, जिसके चलते उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि मामले को बेवजह तूल देकर राजनीति व जातीय रंग दिया जा रहा है। गांव छातर भाईचारे की मिशाल रहा है। झगडा किसी का बदनामी पूरे गांव की हो रही है। ग्रामीण राजा, चांदी, हीरा, सुरेश, राजमल, धर्मबीर, कश्मीर ने कहा कि वो खुद प्रशासन से मांग करते हैं कि जिनके खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं उसकी निष्पक्ष जांच करें। कोई दोषी मिलता है तो कार्रवाई करें वो खुद प्रशासन का इसमें सहयोग करेंगे।
ग्रामीणों ने कहा कि बाहर से कुछ लोग आकर वीडियो बना रहे हैं और सोशल मीडिया पर डालकर गांव का भाईचारा खराब करने के साथ साथ गांव को भी बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि ग्रामीणों का भाईचारा जन्म जन्मांतर का है और वे किसी भी सूरत में गांव के भाईचारे को खराब नहीं होने दंेगे। अगर गांव में किसी के बीच मनमुटाव है तो भाईचारे के बीच बैठकर उसे सुलझाया जा सकता है। वहीं डीएसपी जितेंद्र ने बताया कि जो शिकायत दी गई थी उसके आधार पर 23 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया हुआ है। एसडीएम के साथ उन्होंने गांव का दौरा किया था। बहिष्कार जैसी कोई बात सामने नहीं आई। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
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