OMG ! शराब के ठेके बंद नहीं करवाना चाहते गांवों के लोग, जींद में केवल एक पंचायत ने भेजा प्रस्ताव

OMG ! शराब के ठेके बंद नहीं करवाना चाहते गांवों के लोग, जींद में केवल एक पंचायत ने भेजा प्रस्ताव
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साल 20्19 में डिप्टी सीएम और आबकारी एवं कराधान विभाग के मंत्री का पद संभालते ही दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि प्रदेश के उन गांवों में शराब ठेके नहीं खोले जाएंगे जिन गांवों की पंचायत अपने यहां शराब ठेका नहीं खोले जाने का प्रस्ताव सरकार को भेजेगी।

हरिभूमि न्यूज : जींद

अब ग्रामीण अपने गांवों में शराबबंदी के लिए दिलचस्बी नहीं दिखा गए हैं। गत वर्ष जिले की दो ग्राम पंचायतों ने और इस बार केवल एक ही ग्राम पंचायत ने ही शराबबंदी का प्रस्ताव विभाग के पास भेजा है। इस बार केवल रामकली ग्राम पंचायत ने ही शराबंदी का प्रस्ताव भेजा है। 11 मई को शराब ठेकों का वर्तमान वित्तीय सत्र समाप्त हो जाएगा। गौरतलब है कि इस समय जींद जिले में करीब 104 शराब ठेके और 180 उप ठेके चल रहे हैं। साल 20्19 में डिप्टी सीएम और आबकारी एवं कराधान विभाग के मंत्री का पद संभालते ही दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि प्रदेश के उन गांवों में शराब ठेके नहीं खोले जाएंगे जिन गांवों की पंचायत अपने यहां शराब ठेका नहीं खोले जाने का प्रस्ताव सरकार को भेजेगी।

ऐसे प्रस्ताव ग्राम पंचायत के अलावा ग्राम सभा भी भेज सकती है। उस साल तो 100 से ज्यादा ग्राम पंचायतों ने शराबबंदी के प्रस्ताव भेजे लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे पंचायतों की दिलचस्बी कम हो गई। पिछले साल केवल बहबलपुर और लोहचब की ग्राम पंचायत ने ही शराबबंदी का प्रस्ताव पास कर विभाग के पास भेजा था। इसमें भी लोहचब का प्रस्ताव विभाग के नियमों के अनुसार नहीं था और बहबलपुर में तकनीकी कारणों से शराब ठेका बंद नहीं हो पाया था। कार्यकारी डीईटीसी कंवल नैन ने बताया कि गांव रामकली सहित कुछ ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव आए हैं, वह रिकार्ड देखकर बताएंगे। शराब ठेकों का वर्तमान वित्तीय सत्र 11 मई को समाप्त हो रहा है। इसके बाद विभाग के मुख्यालय से जो भी आदेश आएंगेए उसी अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

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