5 माह से कर रहे इंतजार, 400 खिलाड़ियों की अटकी खेल नर्सरी की स्कॉलरशिप राशि

Narnaul News : युवाओं के भविष्य को खेलों में संवारने के लिए जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग की खेल नर्सरी योजना है। एक खेल नर्सरी में एक ही खेल से संबंधित 25 युवाओं को तैयार करना होता है। इन्हें दो अलग-अलग आयुवर्ग में 1500 व 2000 रुपये का मासिक स्कॉलरशिप मिलती है। बीते साल जिला में 16 खेल नर्सरी थी। इन नर्सरियों में प्रैक्टिस (Practice) करने वाले 400 खिलाड़ियों को तीन माह की स्कॉलरशिप नहीं मिली है। इस स्कॉलरशिप को पाने के लिए खिलाड़ी पांच माह से इंतजार कर रहे है। यहीं नहीं, इस साल अप्रैल व मई माह में शुरू हुई खेल नर्सरी में चयनित खिलाड़ियों को भी स्कॉलरशिप राशि नहीं मिली है।
जानकारी के मुताबिक महेंद्रगढ़ जिला में दो बड़े स्टेडियम नारनौल व महेंद्रगढ़ में है। इसके अलावा पांच राजीव गांधी खेल परिसर छितरोली, पाली, डोहरकलां, धौलेड़ा व सिहमा में है। चेलावास में अभी नया स्टेडियम तैयार है, पर अभी खेल विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया है। जिला में अलग-अलग खेलों के 11 कोच है। खेल नर्सरियों में स्कॉलरशिप योजना के तहत आठ से 14 वर्ष के खिलाड़ियों को 1500 रुपये और 15 से 19 वर्ष के खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति 2000 रुपये प्रतिमाह दी जाती है। राज्य के जिन कोच द्वारा कोचिंग डिप्लोमा अनाइएस पटियाला या युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से कोचिंग डिप्लोमा प्राप्त किया गया है, उन्हें 25 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। जिन कोच द्वारा एमपीएड या डीपीएड या एमए फिजिकल एजुकेशन से किया गया है या उन्होंने एनआईओस से सर्टिफिकेट कोर्स किया है, उन्हें कोचिंग के 20 हजार रुपये प्रदान किए जाते है।
नवंबर से जनवरी तक की अटकी स्कॉलरशिप राशि
खेल नर्सरियों से जुड़े खिलाड़ियों का कहना है कि बीते वर्ष जिला में 16 खेल नर्सरियां थी। प्रत्येक एक खेल नर्सरी में 25 खिलाड़ियों का चयन हुआ था। इस हिसाब से 16 खेल नर्सरियों में 400 खिलाड़ी प्रैक्टिस कर रहे थे। इन खिलाड़ियों को साल 2022 के नवंबर व दिसंबर माह और साल 2023 के जनवरी माह के इन तीन माह की स्कॉलरशिप राशि नहीं मिली है। अब जून माह चल रहा है। पांच माह से खिलाड़ी बैंक खाते में अपनी स्कॉलरशिप राशि आने का इंतजार कर रहे है। इसके अलावा इस साल 15 खेल नर्सरियों अप्रैल व मई माह में शुरू की गई है। इन नई खेल नर्सरियों में प्रैक्ट्सि कर रहे खिलाडि़यों को भी स्कॉलरशिप राशि नहीं मिली है।
क्या कहते है डीएसओ
कई दिनों से रिक्त चल रहे डीएसओ पद पर बुधवार मनोज कुमार ने पदभार संभाल लिया। नए डीएसओ मनोज कुमार से हरिभूमि ने बातचीत की। डीएसओ ने कहा कि उनकी प्राथमिकता रहेगी जिला से खिलाड़ियों की पौध तैयार करें। यह काम पूरी तरह से टीम वर्क के तहत होगा। जहां तक खेल नर्सरी में प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ियों को तीन माह स्कॉलरशिप नहीं मिलने की बात है, यह हैड आफिस से जुड़ा मामला है। उनका प्रयास रहेगा कि जल्द ही यह राशि खिलाड़ियों के खाते में भेजी जाए।
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