सोलर पंप सेट के लिए खत्म नहीं हो रहा इंतजार, पोर्टल नहीं खुलने से किसान आवेदन से वंचित

सोलर पंप सेट के लिए खत्म नहीं हो रहा इंतजार, पोर्टल नहीं खुलने से किसान आवेदन से वंचित
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केंद्र सरकार के न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय की ओर से टारगेट मिलने में हो रही देरी किसानों के इंतजार को लंबा कर रही है।

नरेन्द्र वत्स. रेवाड़ी

खेतों में सौर ऊर्जा पर आधारित सबमर्सिबल पंप सेट लगवाने के लिए बड़ी संख्या में किसान तैयार हैं, लेकिन आवेदन के लिए पोर्टल नहीं खुलने से किसानों का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। रबी की फसल से पहले किसानों के खेत में सबमर्सिबल पंप सेट लगवाने के अरमान पूरे होते नजर नहीं आ रहे। केंद्र सरकार के न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय की ओर से टारगेट मिलने में हो रही देरी किसानों के इंतजार को लंबा कर रही है।

किसानों के लिए पंप सेट काफी कारगर साबित हो रहे हैं। खासकर कम जमीन वाले किसानों के लिए सोलर पंप सेट काफी उपयोगी हैं। सोलर पंप सेट सरकारी अनुदान पर मिलने के कारण लगाने में तो सस्ते पड़ते ही हैं, साथ ही इनके लगने के बाद बिजली का खर्च बच जाता है। कृषि क्षेत्र में सोलर पंप सिस्टम की शुरूआत होने के बाद बिजली की बचत को भी बढ़ावा मिल रहा है। इन पंप सेटों को लगाने का ठेका भी सरकार की ओर से दिया जाता है। इसके बाद पंप सेट लगाने वाली कंपनी इनकी गारंटी देती है। निर्धारित अवधि में कोई खराबी आने पर सिस्टम को ठीक करने की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की होती है। इससे किसानों का मेंटिनेंस का पैसा भी बच जाता है।

बढ़ रहा किसानों का रुझान

सोलर पंप सेट लगवाने के प्रति जिले के छोटे किसानों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। अभी तक जिले के 1650 किसान यह पंप सेट लगवा चुके हैं। पिछले वित्त वर्ष में 1786 किसानों के आवेदन स्वीकार हुए थे, जिनके खेतों में पंप सेट लगवाने का कार्य जल्द शुरू होने वाला है। मोटे बिजली खर्च से छुटकारा मिलने के कारण किसान एक-दूसरे को देखकर अपने खेत में यह सिस्टम लगवाने के लिए तैयार हो रहे हैं।

सैकड़ों किसानों को इंतजार

सोलर पंप सेट लगवाने के लिए किसानों को आॅनलाइन आवेदन करना होता है। इसके लिए पोर्टल खुलता है। इस बार मंत्रालय की ओर से अभी तक राज्यों का टारगेट फिक्स नहीं किया गया है। यही कारण है कि प्रदेश भर में किसानों को सोलर पंप सेट लगवाने के लिए आवेदन करने का मौका नहीं मिल रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार केंद्र की ओर से टारगेट मिलने के बाद ही पोर्टल खुल सकेगा।

एक लाख में पंप सेट चालू

अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सरकार की ओर से तीन-चौथाई अनुदान दिया जाता है। 10 एचपी का पंप सेट लगवाने के लिए किसान को करीब 1.10 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं। पंप सेट पर केंद्र सरकार की ओर से 30 फीसदी अनुदान दिया जाता है, जबकि 45 फीसदी अनुदान प्रदेश सरकार देती है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्यों का बजट निर्धारित किया जाता है।


केंद्र सरकार की ओर से अभी तक नए पंपों की स्वीकृति प्रदेश को नहीं मिली है। इस संदर्भ में 12 मई को चंडीगढ़ में मीटिंग भी हो चुकी है। प्रदेश का टारगेट फिक्स होने के बाद जिला स्तर पर टारगेट मुख्यालय की ओर से तय किया जाएगा। इसमें अभी एक माह तक का समय और लग सकता है। - रविंद्र यादव, सहायक परियोजना अधिकारी।

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