सोच समझ कर निकलें ! जब्त हो रहे हैं 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल चालित वाहन

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना करते हुए पुलिस व परिवहन विभाग ने 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल चालित वाहनों के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल, बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पुराने वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगाया था। हालांकि अभी तक ऐसे वाहनों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस ने जागरूकता अभियान चलाकर वाहन मालिकों को सरकार की नीति के अनुसार इस श्रेणी के वाहनों को स्क्रैप करने की भी सलाह दी थी। अब नियम का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त किया जा रहा है।
बहादुरगढ़ समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले गंभीर स्तर तक पहुंच जाता है। वायु प्रदूषण रोकने के लिए एनजीटी ने 2014 की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए 7 अप्रैल 2015 तथा 18 दिसंबर 2017 को एनसीआर में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को जब्त करने के लिए कहा था। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने इस संदर्भ में 29 अक्तूबर 2018 को आदेश दिया था कि डीजल से चलने वाले 10 व पेट्रोल से चलाए जाने वाले 15 साल पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाए। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पुराने वाहनों की समस्या व समाधान पर नई वाहन कबाड़ नीति बनाई है। इसके तहत 10 और 15 साल वाला नियम लागू होने वाले वाहन स्क्रैप कर नए वाहन खरीदे जा सकते हैं। उस पर सरकार ने छूट का भी प्रावधान किया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति को लेकर इंसेंटिव और डिसइनसेंटिव से संबंधित अधिसूचना भी जारी की है। सरकार की इस पॉलिसी में गाड़ी मालिकों को अपनी पुरानी और प्रदूषण फैलानी वाली गाडि़यों को कबाड़ में देने पर प्रोत्साहन दिया जाएगा।
हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने भी इस सिलसिले में जारी आदेश में स्पष्ट लिखा है कि एनसीआर क्षेत्र में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों को सड़क पर चलने से रोकना होगा। विदित है कि दिल्ली-एनसीआर में दिल्ली के अलावा हरियाणा के 13 जिले झज्जर, सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, पानीपत, चरखी-दादरी, भिवानी, जींद और करनाल आते हैं। अगर आपकी गाड़ी दिल्ली-एनसीआर में पंजीकृत है और गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर 15 साल की वैधता लिखी है, अगर वह डीजल गाड़ी है, तो भी 10 साल और पेट्रोल गाड़ी है, तो 15 साल ही चल सकेगी। इन वाहनों का पंजीयन स्वत: ही निरस्त हो जाएगा। कुल मिलाकर यह मियाद पूरी करने वाले वाहनों को सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं है। बहादुरगढ़ में एक दर्जन से अधिक ट्रांसपोर्ट यूनियन हैं, जिनमें चल रही गाडि़यों से 20 हजार से ज्यादा लोगों की रोजी-रोटी चलती है। इन ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि महंगे डीजल और कोरोना के कारण पहले से ही मंदी की मार झेल रहे इस धंधे पर अब और ज्यादा विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
यह बोले, लोग
कोरोना और महंगे डीजल ने ट्रांसपोर्टरों की कमर तोड़ रखी है। रही सही कसर पुराने वाहनों पर प्रतिबंध ने पूरी कर दी। अच्छी कंडिशन वाले वाहनों को इस निर्णय में छूट दी जानी चाहिए थी। इस फैसले से हजारों वाहन मालिकों को नुकसान होगा। वर्तमान दौर में नया वाहन खरीदना काफी महंगा पड़ता है, जबकि भाड़ा लगातार कम होता जा रहा है। - समुंद्र सहवाग, ट्रांसपोर्टर
पुराने वाहनों की वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है। जिसने सभी को चिंता में डाला हुआ है। एनसीआर में वायु की गुणवत्ता सुधारने के लिए एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश स्वागत योग्य है। खुली हवा में जीने की चाह रखने वालों को भी इसका महत्व समझने की जरूरत है। पर्यावरण के हित में इस आदेश का सख्ती से पालन होना चाहिए। - आशा शर्मा, प्रिंसिपल
एनजीटी ने 2015 व 2017 और सुप्रीम कोर्ट ने 2018 से ऐसे वाहनों पर रोक लगाई हुई है। यदा-कदा ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है। लेकिन ऐसे वाहनों को एनसीआर में नहीं चलने देने के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई के लिए योजना बनाई जानी चाहिए। लोगों को खुद ऐसे वाहनों को स्क्रैप कराने के लिए आगे आना चाहिए। - अधिवक्ता सतीश छिकारा
एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में डीजल से 10 और पेट्रोल से चलने वाले 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के संचालन पर पूर्णत: रोक लगाई गई है। देश के दूसरे हिस्से के वाहनों को आवागमन में छूट दी गई है। लेकिन ऐसे वाहनों को एनसीआर क्षेत्र में किसी प्रकार का परमिट आदि नहीं मिल सकेगा। - सतीश कुमार, एसपीसी प्रभारी
झज्जर जिले में 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन अब नहीं चल सकेंगे। बाकायदा अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया था। अब चैकिंग के दौरान मिलने वाले ऐसे वाहनों को मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 207 के तहत जब्त किया जा रहा है। एक बार जब्त किया गया वाहन छुड़ाया नहीं जा सकता। - देवेंद्र कुमार, यातायात थाना प्रभारी
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