सरकारी धन का बंदरबांट : डेढ़ माह में ही दम तोड़ रहीं 22 लाख रुपये से बनी नई सड़क

हरिभूमि न्यूज : जाखल (फतेहाबाद)
सड़क पथों को सुगम बनाने के लिए सड़क निर्माण के नाम पर सरकार द्वारा हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे है। लोक निर्माण विभाग के साथ मार्केटिंग बोर्ड द्वारा भी सड़कों का निर्माण कराया जा रहा हैं लेकिन कुछ स्थानों पर सड़क निर्माण योजना विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता व ठेकेदारों के साथ मिलीभगत की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहीं है।
हाल ही में नई बनाई गई जाखल उपतहसील रोड की करीब पौने किमी लंबी सड़क इसकी ताजा उदाहरण है। इस सड़क का निर्माण हुए अभी डेढ़ माह ही हुआ है लेकिन सड़क अभी से उखड़नी आरंभ हो गई है। पौने किमी के पथ में गड्ढे बनने लगे है व सड़क से बजरी उखड़ रही है। इसके अलावा सड़क किनारों से धंस भी रही है। बताया गया है कि मार्केटिंग बोर्ड ने सड़क निर्माण के लिए एक एजेंसी को 22 लाख रुपए से टेंडर दिया गया था। इतनी भारी भरकम राशि खर्च कर बनाई गई उक्त सड़क के निर्माण में ठेकेदार द्वारा तय मानकों व गुणवत्ता की घोर उपेक्षा की गई है। निर्माण में निम्न स्तर की सामग्री प्रयोग की गई है। निर्माण कार्य में बरती गई कोताही विभागीय सांठगांठ को भी प्रमाणित कर रही है। सड़क निर्माण के नाम पर व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए विभाग के वो अफसर भी जिम्मेदार है, जिन्होंने निगरानी कर गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण कराने की अपेक्षा मिलीभगत का खेल खेला। इसी खेल के चलते ठेकेदार ने स्वयं के राजनीतिक रसूख का उपयोग कर अधिक मुनाफा कमाने व कमीशन के फेर में लोगों के चलने के लिए बनाई गई सड़क में जमकर भ्रष्टाचार किया है।
स्थानीय लोगों की माने तो वह निर्माण कार्य के आरंभ से ही गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा रहें हैं, लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की। लोगों ने कहा कि डेढ़ महीने में सड़क जर्जरता की भेंट चढ़ना सरकारी धन का बंदरबांट करना है। इस बारे में भलीभांति जानकारी होने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही करना तो दूर की बात, किसी ने सड़क का निरीक्षण तक करना मुनासिब ना समझा है। लोगों ने सड़क निर्माण कार्य की विजिलेंस जांच कर सरकारी धन की बर्बादी करने वालों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करने एवं सड़क का पुननिर्माण कराने की मांग की है।
क्या कहते है अधिकारी
इस बारे में मार्केटिंग बोर्ड के कनिष्ठ अभियंता बक्शीश सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सड़क अच्छी स्थिति में बनाई गई थी। कुछ ही समय में सड़क ऐसी स्थिति में क्यों चली गई है, इसका निरीक्षण किया जाएगा। जो भी समस्या होगी उसका निराकरण करा दिया जाएगा। इसके बाद सवाल करने पर उन्होंने सड़क निर्माण पर खर्च राशि का उल्लेख ना करते हुए उच्चधिकारियों से बात करने का तर्क दिया। इस संदर्भ में मार्केटिंग बोर्ड के एसडीओ अक्षय कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये सड़क दूसरे एसडीओ की निगरानी मंे बनी हुई है। उन्हें भी सड़क जर्जर होने की शिकायत मिली है। ठेकेदार को अभी तक पेमेंट का भुगतान नहीं किया गया है। वे स्वयं निरीक्षण कर सड़क का जायजा लेंगे और इस पर संज्ञान लेकर सड़क निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण कराएंगे। उसके बाद ही ठेकेदार को भुगतान किया जाएगा। निर्माण कार्य में किसी प्रकार की कोताही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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