Mausam update : हरियाणा में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदला, सूर्य के तेवरों ने किया बेहाल, जानें- अब कब- कहां होगी बारिश

उत्तर भारत के मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में पिछले काफी दिनों से मौसम साफ और शुष्क बना हुआ है। जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। उमस और पसीने वाली गर्मी अपने तीखे तेवरों से आगाज किये हुए है और आमजन को आफ़त भरी गर्मी से रूबरू होना पड रहा है।
राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर लगातार पछुआ गर्म और शुष्क पवनों का आधिपत्य जारी है। जिन्होंने पिछले काफी दिनों से पूर्वी नमी वाली दक्षिणी पूर्वी हवाओं का रूख को रोक रखा है। साथ ही साथ मानसून टर्फ रेखा उत्तरी तराई क्षेत्रों पर बनीं हुईं हैं । इसके अलावा हरियाणा एनसीआर दिल्ली में पिछले कई दिनों से कोई प्रभावी मौसमी प्रणाली सक्रिय नहीं है ।अगस्त महीने के दौरान मौसम प्रणालियों का प्रभाव हरियाणा एनसीआर के निचले दक्षिणी राज्यों पर ही देखने को मिला। अगस्त महीने से ही हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मानसून गतिविधियां सुस्त बनीं हुईं हैं। इन सभी कारणों की वजह से सम्पूर्ण इलाके में लगातार तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। आसमान से आग बरस रही है और भादों माह का घाम अपने तीखे तेवरों से आगाज किये हुए है। अगस्त महीने में सुस्त मानसून गतिविधियों की स्थिति देखने को मिलीं और अब सितंबर में अगले एक हफ्ते तक सुस्त मानसून गतिविधियां बरकरार रहेगी। हालांकि इस दौरान स्थानीय मौसमी प्रणाली द्वारा केवल आंशिक बादलवाही और एक दो स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी की संभावना है ।
हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सुस्त मानसून एक बार फिर से सक्रिय होने की संभावना बन रही है।उत्तर भारत के मैदानी राज्यों मे जुलाई में बंपर बारिश के बाद से अभी तक जबरदस्त मानसून बारिश की गतिविधियां नदारद हैं। जबकि अगस्त महीने में अधिकतर स्थानों पर बारिश की गतिविधियों में कमी की वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में इस मानसून सीजन की बारिश का आकंड़ा माइनस में दर्ज हुआ है। और वर्तमान में सितंबर की शुरुआत में भी उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम साफ और शुष्क बना हुआ है। आने वाले एक सप्ताह तक भी मॉनसून में यही सुस्ती बरकरार रहेगी। जिसकी वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर तापमान में बढ़ोतरी दर्ज होगी और उमस भरी गर्मी से आमजन को रूबरू होना पड़ेगा। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में इस प्रकार की मौसम स्थितियों की वजह सम्पूर्ण इलाके में कृषि फसलें सूखने के कगार पर है। इस लिए किसान भाईयों को मौसम को देखते हुए फसलों में सिंचाई व्यवस्था का ध्यान रखें।आमतौर पर सितम्बर महीने के मध्य के बाद सम्पूर्ण इलाके से मानसून की बापसी शुरू हो जाती है। परन्तु आमजन और किसान भाईयों के लिए राहत की बात ये कि मॉनसून के वापिसी जाने की जो आशंकाएं जो लगाईं जा रही थी जो निराधार है ।वर्तमान समय में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में ला नीना की स्थिति प्रचलित है । नवीनतम एमएमसीएफएस/ MMCFS पूर्वानुमान इंगित करता है कि ला नीना की स्थिति वर्ष 2022 के अंत तक जारी रहने की संभावना है ।अन्य जलवायु मॉडल भी आगामी सीज़न के दौरान ला नीना की स्थिति के जारी रहने का संकेत दे रहे हैं। मानसून वापसी के बाद भी लगातार बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा क्योंकि अक्टूबर महीने से एक के बाद एक सशक्त पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना बन रही है ।
सम्पूर्ण भारत के साथ मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली मे इस साल सामान्य से अधिक बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। क्योंकि मॉनसून ट्रफ और पश्चिमी विक्षोभ, उत्तर भारत में मॉनसून गतिविधि जारी रखते हैं। अगले सप्ताह की शुरुआत में बंगाल की खाड़ी में लगातार बैक टू बैक एक के बाद एक तीन नए लो प्रेशर एरिया डिप्रेशन,डिप डिप्रेशन बनेंगे पहला 8 सितंबर, दूसरा 13 सितंबर और तीसरा 17 सितंबर साथ ही साथ इस दौरान एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में प्रवेश करने वाला है जिसकी वजह से एक प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन राजस्थान पर बनेगा और अरब सागर से प्रचुर मात्रा में नमी भी मिलेगी। इन सभी कारणों की वजह से मॉनसून ट्रफ का पूर्वी छोर दक्षिण की ओर शिफ्ट हो जाएगा। इसके बाद, पश्चिमी छोर को भी नीचे हो जाएगा और 9 सितंबर तक पूरी मौसमी प्रणाली सामान्य स्थिति के दक्षिण में अच्छी तरह से खींची जाएगी। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा एनसीआर दिल्ली और राजस्थान में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलेगा और 9 -20 सितंबर के दौरान बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा और सम्पूर्ण इलाके में मानसून लय देखने को मिलेगी।वर्तमान परिदृश्य में निम्नलिखित मौसमी प्रणालियां बनीं हुईं एक ताजा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में प्रवेश होने की वजह से जिनमें एक चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र पाकिस्तानी पंजाब व साथ लगते अपने पंजाब पर विकसित हो गया है। जिसके कारण अगले 2-3 दिन कश्मीर, हिमाचल व पंजाब के उत्तरी-पुर्वी इलाको और हरियाणा पर इसका अधिक असर नहीं होगा केवल उत्तरी हिस्से में तेज़ गति से हवाएं चलने और हल्की बारिश की गतिविधियां दर्ज की जाएगी। बंगाल की खाड़ी में बनने वाले मौसमी प्रणालियां आने वाले समय में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश राजस्थान की तरफ बढ़ेंगी। इन मौसमी प्रणालीयों की वजह से सम्पूर्ण मैदानी राज्यों में मॉनसून में वापिस की प्रबल संभावनाएं बन रही है। क्योंकि आगामी यह सिस्टम के कारण पुर्वी हवाओं का रूख मैदानी राज्यों में बढ़ेगा ।
सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अगले पांच दिनों तक तक मौसम साफ औऱ शुष्क बना रहेगा इस दौरान स्थानीय मौसमी प्रणाली द्वारा आंशिक बादलवाही बनने से सिमित स्थानों पर हल्की फुल्की बिखराव वाली बारिश की गतिविधियां ही देखने को मिलेगी आज सोमवार को हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर अधिकतम तापमान 34.0 डिग्री सेल्सियस से 39.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जबकि हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान 23.0 डिग्री सेल्सियस से 28.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
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