मौसम की मार : खेतों में भरे पानी से फसलाें के साथ डूबे किसानों के अरमान

मौसम की मार : खेतों में भरे पानी से फसलाें के साथ डूबे किसानों के अरमान
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परेशान ग्रामीण और किसान प्रशासन से जल निकासी के प्रबंध करने की गुहार लगा रहे हैं। पिछले कई वर्षों से प्राकृतिक आपदा झेल रहे मांडोठी गांव के किसानाें को इस बार भी बरसाती पानी के कहर से राहत नहीं मिली। गांव के निचले इलाकों में सैकड़ों एकड़ खेत बारिश के पानी से जलमग्न हो गए हैं।पानी भरे रहने के कारण पहले भी कई बार धान और गेहूं की उपज गवां चुके किसानों को इस बार फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़

इस बार की भारी आई है। मांडोठी क्षेत्र के दर्जनों किसानों की करीब 8 सौ से अधिक एकड़ फसल पानी में डूबे रहने के कारण नष्ट हो गई। किसानों के अनुसार सड़क बन जाने और वहां बरसाती पानी की निकासी का इंतजाम नहीं होने के कारण यह बर्बादी हुई है। जिला उपायुक्त से मिलकर गुहार लगाने के बाद भी मेहनतकशों के लिए मुसीबत कम नहीं हुई। किसानों की मांग है कि प्रशासन उनके इलाके की सुध ले और जल निकासी के प्रबंध करते हुए जल्द से जल्द बरसाती पानी की निकासी की जाए।

शहर हो या गांव हर इलाके इस बार सावन में बदरा जमकर बरस रहे हैं। गांव मांडोठी के निचले इलाके के खेत बारिश के पानी से लबालब हैं। गांव में बरसाती पानी इतना जमा हो गया है कि खेत में खड़ी फसल पानी में डूब चुकी है और उम्मीदें जलमग्न हैं। परेशान ग्रामीण प्रशासन से जल निकासी के प्रबंध करने की गुहार लगा रहे हैं। पिछले कई वर्षों से प्राकृतिक आपदा झेल रहे मांडोठी गांव के किसानाें को इस बार भी बरसाती पानी के कहर से राहत नहीं मिली। गांव के निचले इलाकों में सैकड़ों एकड़ खेत बारिश के पानी से जलमग्न हो गए हैं।पानी भरे रहने के कारण पहले भी कई बार धान और गेहूं की उपज गवां चुके किसानों को इस बार फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जलनिकासी की व्यवस्था न होने के कारण बारिश का पानी खेतों में ठहरकर किसानों की उम्मीद को डुबो रहा है।


बहादुरगढ़ : प्रशासन से राहत दिलवाने की मांग करते किसान।

किसान उमेद सिंह, नवीन, करण सिंह, राजेश व विनोद का कहना है कि यहां के लगभग दो सौ किसानों की आठ सौ एकड़ से अधिक धान की फसल पानी में डूब गई है। प्रशासन ने यहां पर भरत कर नई सड़क बना दी। जिससे पानी निकासी का प्राकृतिक रास्ता अवरुद्ध हो गया। लगातार फसलों के डूबने से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इस बार शुरुआती चरण में ही धान की फसल समाप्त होती दिख रही है। किसानों का कहना है कि रोपाई के बाद से ही फसल लगातार पानी में डूबी है। किसानों ने इस समस्या पर चिंता जताते हुए प्रशासन से क्षतिपूर्ति के साथ ही सड़क के नीचे पानी निकासी के लिए पाइप दबवाने की मांग की, ताकि भविष्य में फसल डूबकर नष्ट न हो।




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