Weather Update : हरियाणा NCR दिल्ली में बादलवाही, सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ, कल यहां हो सकती है बारिश

Mausam Ki Jankari
मंगलवार 23 अगस्त को हरियाणा और एनसीआर दिल्ली में सुबह से ही बादलों ने डेरा जमा लिया और सम्पूर्ण इलाके में तेज़ हवाएं चलने से तापमान में गिरावट दर्ज हुई। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि वर्तमान में दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान पर मौजूद बंगाल की खाड़ी से बना डिप्रेशन कमजोर होकर वेलमार्क लो प्रेशर एरिया में तब्दील हो गया है परंतु इस मौसमी प्रणाली को अब प्रचुर मात्रा में अरब सागर से नमी मिलने से पश्चिमी-दक्षिणी राजस्थान और गुजरात में झमाझम बारिश देखने को मिल रही है। हालांकि इस मौसमी प्रणाली का आंशिक प्रभाव दक्षिणी हरियाणा और एनसीआर दिल्ली के हिस्सों पर देखने को मिला। जिस कारण यहां हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों तेज़ बारिश भी देखने को मिली।
मंगलवार को हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में सुबह से ही मौसम खुशनुमा और सुहावना बना रहा। क्योंकि मौजूदा मौसम प्रणाली द्वारा सम्पूर्ण इलाके पर बादलवाही और 20 -25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली जिससे तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। आज हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में अधिकतम तापमान 29.8 डिग्री से 37.0 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 24.0 डिग्री से 29.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मंगलवार रात्रि को भारत के उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में एक ताजा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से बुधवार को हरियाणा के उत्तरी जिलों में हल्की बारिश की संभावना बन रही है जबकि एनसीआर-दिल्ली और शेष हरियाणा में कुछ स्थानों पर हल्की बिखराव वाली बारिश दर्ज की जाएगी। इस दौरान आंशिक बादलवाही रहेगी और तेज़ गति से हवाएं भी चलती रहेंगी।
आने वाले दिनों में देश के उत्तरी मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में भी बारिश की संभावना बन रही है। हालांकि इस मानसून सीजन में 23 अगस्त तक हरियाणा में 322.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है जो सामान्य बारिश के बराबर ही है। आमतौर पर हरियाणा में इस दौरान 321 मिलीमीटर बारिश दर्ज होती है। अभी तक हरियाणा में 9 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है जिनमें अंबाला, फरीदाबाद, यमुनानगर, सोनीपत, पंचकूला, रेवाड़ी, गुड़गांव, भिवानी और नूंह आदि शामिल हैं जबकि बाकी 13 जिलों में आज तक सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि बंगाल की खाड़ी पर बने एक के बाद एक लो प्रेशर एरिया थोड़ा नीचे ही रह जाते हैं जिस कारण उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में जबरदस्त बारिश दर्ज की जा रही है जबकि अन्य मैदानी राज्यों पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और एनसीआर दिल्ली में कम बारिश देखने को मिल रही है। इन इलाकों पर इन मौसमी प्रणालियाें का आंशिक प्रभाव ही देखने को मिल रहा है और साथ ही मानसून टर्फ रेखा अधिक दिनों तक मध्य भारत के राज्यों पर बनीं हुई है।
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