Weather Update : उत्तर राज्यों में तीखी ठंड का आगाज, हरियाणा में नारनौल रहा सबसे ठंडा, इस बार रिकॉर्ड तोड़ेगी शीत ऋतु

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
उत्तर भारत के राज्यों में तीखी ठंड ( Winter ) का आगाज हो गया है। रविवार को हरियाणा में नारनौल शहर का तापमान प्रदेश में सबसे कम रहा। इन दिनों नारनौल शिमला व नैनीताल जितना ठंडा बना हुआ है। मैदानी इलाकों में हर रोज न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। रविवार की सुबह उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के कई जगहों पर इस सीजन की सबसे ठंडी सुबह दर्ज की गई। राजस्थान का सीकर मैदानी इलाकों में सबसे ठंडा स्थान रहा। वहीं पहाड़ी इलाकों जैसे शिमला का न्यूनतम तापमान 6.7 डिग्री और नैनीताल का तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डा. चंद्रमोहन ने बताया कि इस साल सामान्य से अधिक वर्षा होने के बाद अब सामान्य से अधिक ठंड पड़ने की पूरी संभावनाएं बन रही है। शीत ऋतु इस बार अपने रिकॉर्ड तोड़ेगी और उतरी भारत के मैदानी राज्य में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। ला-नीना मौसमी प्रणाली का प्रभाव धीरे-धीरे दिखाई पड़ने लगा है। मध्य भारत से लेकर दक्षिण भारत तक इसी प्रणाली की वजह से वर्तमान समय में बंगाल की खाड़ी व अरब सागर में नए-नए लो प्रेशर एरिया और डीप डिप्रेशन से जल्द ही बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात बनने की भी संभावनाएं बन रही है। जबकि पर्वतीय क्षेत्रों पर इस बार अधिक हिमपात हो रहा है।
जिसके प्रभाव से मैदानी क्षेत्रों पर धीरे-धीरे पारा कम होता जा रहा है। रविवार को सुबह महेंद्रगढ़ जिले में नारनौल पूरे प्रदेश में सबसे ठंडा स्थान रहा है। यहां का तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि महेंद्रगढ़ का तापमान 9.1 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा उपरोक्त मौसमी सिस्टम की वजह से पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तरप्रदेश, दिल्ली, उत्तर व पश्चिम राजस्थान में फिलहाल बरसात की संभावना नहीं है। हालांकि अगले हफ्ते की शुरूआत में हरियाणा, उत्तरप्रदेश व दिल्ली में बरसात की संभावना बन रही है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार
डा. चन्द्रमोहन ने बताया कि दूसरे पहलू पर प्रकाश डाला जाए तो नारनौल का वायु गुणवत्ता सूचकांक में शनिवार को जो 325 था, उसमें काफी सुधार हुआ है। रविवार को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड आंकड़ों के अनुसार नारनौल का वायु गुणवत्ता सूचकांक 236 दर्ज किया गया। इसी प्रकार महेंद्रगढ़ का 198, कनीना का 201 व अटेली का 200 रहा, जो अभी भी सामान्य स्थिति में नहीं है। अभी भी महेंद्रगढ़ जिले अन्य स्थानों के साथ-साथ नारनौल की आबोहवा ठीक नहीं है। यहां की हवाओं में जहर घुला हुआ है, लेकिन तापमान में गिरावट की वजह से कोहरा की मात्रा बढ़ने लगी है। जिसकी वजह से कोहरे में प्रदूषक तत्वों के मिलने की कारण स्मॉग बन रहा है, जो आमजन के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। जिसके कारण सांस की समस्या के रोगी, आंखों की समस्याओं के रोगी, चर्म समस्याओं के रोगी, गले से संबंधित रोगों के रोगी, मानसिक अवसाद के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है।
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