Weather Update : 19 से हरियाणा सहित इन राज्यों में जोरदार बारिश, IMD ने दिया अगले कई दिन का अपडेट

Mausam Ki Jankari
इस साल मानसून का आगमन अपने निर्धारित समय पर 30 जून से ही देश के उत्तर मैदानी राज्यों हरियाणा, राजस्थान और एनसीआर दिल्ली पर सक्रिय हो गया था। धीरे-धीरे मानसून us सम्पूर्ण भारत को कवर कर लिया। उत्तरी और मध्य पूर्वी साथ ही दक्षिणी भारत के अधिकतर इलाको में मानसून ने खूब पानी बरसाया है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि वर्तमान में मध्य भारत के निचले हिस्से में मानसून की गतिविधियां दर्ज की गई। साथ ही उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में भी कई जगहों पर मानसून की बारिश में कमी दर्ज की जा रही है।
मॉनसून की टर्फ रेखा कई दिनों से अपनी सामान्य स्तिथि से दक्षिण में ( राजस्थान, मध्यप्रदेश ) बनी हुई है। जिस कारण मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों, साथ ही हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर बिखराव वाली बारिश देखी गई। सम्पूर्ण हरियाणा में कभी उत्तरी जिलों कभी पश्चिमी तो कभी दक्षिणी और पूर्वी तथा मध्य में रूक-रूक कर बारिश दर्ज की जा रही है। साथ उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में मानसून सुस्त है जिस कारण यहां ज्यादातर हिस्से सूखे और शुष्क बने हुए हैं। जबकि राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र पर मानसून चुस्त और दुरुस्त होने के कारण जोरदार बारिश दर्ज की जा रही है। हरियाणा, पंजाब, एनसीआर व दिल्ली में वर्तमान समय में मानसून की गतिविधियां सामान्य हैं। उत्तरी मैदानी राज्यों में पिछले 20 दिनों से चले आ रहे सक्रिय मानसून की बारिश के दौर में अब एक दो दिन का छोटा-सा ब्रेक लेगा। मगर इस ब्रेक में भी उत्तर व मध्य भारत में कुछ जगहों पर भारी बारिश होगी। बाकी जगह मौसम साफ और हल्का तापमान में बढ़ोतरी दर्ज होगी।
वर्तमान परिदृश्य में मौसमी प्रणालीयों का विश्लेषण
13 जुलाई को बंगाल की खाड़ी से उठा लो प्रेशर एरिया अब उत्तरी अरब सागर पर स्थापित गया है। जो अब लो प्रेशर एरिया से अवसाद ( डिप्रेशन ) के रूप में स्थापित हो गया है। जिसके अब अगले दो तीन दिनों में ओमान के तटीय इलाकों की तरफ बढ़ने की संभावना है। जिसका भारतीय पश्चिमी तटीय इलाकों पर ही प्रभाव रहेगा। इसके अलावा मानसून टर्फ अब अरब सागर में मौजूद अवसाद (डिप्रेशन ) के मध्य से होते हुए दिसा, रायसेन, अंबिकापुर, उड़ीसा पर मौजूूद लो प्रेशर एरिया के मध्य से गुजर रही है। साथ अरब सागर में मौजूद सक्रीय सिस्टम मानसून की टर्फ रेखा को दक्षिण में बांधे रखे हुए है। मगर जैसे ही यह सिस्टम भारत के तटीय इलाकों से दूर ओमान की और होगा वैसे ही मानसून की टर्फ रेखा वापिस से उत्तर में पंजाब, हरियाणा की तरफ आने लगेगी। साथ एक पश्चिमी विक्षोभ इस समय उत्तर पाकिस्तान व आसपास के इलाकों पर बना हुआ है। जो कल तक उत्तरी पर्वतीय इलाकों से आगे निकल जाएगा।
19 जुलाई से इन राज्यों में बरसात
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 19 जुलाई को उड़ीसा पर मौजूद आज वाला कम दबाव क्षेत्र ( लो प्रेशर एरिया ) पश्चिमी मध्यप्रदेश पर आकर उत्तरप्रदेश की तरफ बढेगा। साथ ही मानसून की टर्फ रेखा तिरछी मध्य पंजाब, मध्य हरियाणा, मध्य उत्तरप्रदेश, बिहार पर आ जाएगी। जिसकी वजह से दोनों शक्तिशाली मौसम प्रणाली आपस मे मिल जाएंगे और लो प्रेशर एरिया की सारी शक्ति मानसून की टर्फ रेखा में मिल जाएगी। इसके साथ ही उत्तरी हरियाणा और राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन बनने जा रहा है। इस मिलन से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर व पुर्वी राजस्थान, सम्पूर्ण उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 19 से 25 जुलाई के बीच कई जगहों पर तेज़ हवाओं और गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश होगी। कुछ स्थानों पर बिजली गिरने की भी संभावना है।
हरियाणा और दिल्ली एनसीआर का मौसम
रविवार को हरियाणा में पंचकूला, कालका, यमुनानगर, चंडीगढ़, अम्बाला, करनाल, कैथल, रोहतक, पानीपत, गुड़गांव, मेवात, सोहना, तावडू और सिरसा के साथ एनसीआर दिल्ली में ही बिखराव वाली बारिश देखी गई। शेष हरियाणा में अधिकतर स्थानों पर दोपहर तक आंशिक बादलवाही रही और बाद में मौसम साफ रहा। आज हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में अधिकतम तापमान 31.0 से 37.0 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 23.0 डिग्री से 27.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आने वाले दिनों में हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में मानसून गतिविधियां जारी रहेंगी और इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना बन रही है।
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