Weather Update : बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, 3 अप्रैल तक मौसम खराब होने की भविष्यवाणी से किसान भयभीत

Weather Update : बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, 3 अप्रैल तक मौसम खराब होने की भविष्यवाणी से किसान भयभीत
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कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि जिस गेहूं के खेत में किसान द्वारा अभी पानी लगाया गया था, तेज हवाएं चलने से वह फसल बिछ गई है जबकि जहां पानी नहीं लगाया गया था, वहां गेहूं की फसल का बचाव है। अगर आगे तेज हवाएं चलती है या बरसात होती है तो गेहूं की काफी फसल बिछ सकती है।

Weather Update : प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के चलते हुई बरसात और ओलावृष्टि से खेतों में पकने को तैयार गेहूं की फसल बिछ गई जबकि सरसों की कटाई को रोकना पड़ा। इस समय बरसात होने से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। बे-मौसम बारिश से करीब 10 से 30 व ओलावृष्टि से फसलों में 70 से लेकर 80 प्रतिशत तक नुकसान का अनुमान है। सब्जियों की फसल को भी बरसात से काफी नुकसान हुआ है, जिससे सब्जी उत्पादक किसान परेशान नजर आने लगे हैं। वहीं मौसम विभाग ने 3 अप्रैल तक फिर से बारिश व तेज हवाएं चलने की भविष्यवाणी की है।

हरियाणा में शुक्रवार को हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सुबह कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, झज्जर, बहादुरगढ़ में बारिश हुई। दोपहर बाद सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, जींद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, चरखी दादरी, रोहतक, गुड़गांव आदि जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई, जबकि कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ ओलावृष्टि भी हुई। मौसम गतिविधियों की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज आई। ओलावृष्टि और उसके बाद चली हवाओं से पकने को तैयार गेहूं की फसल नीचे बिछ गई। माना जा रहा है कि पछेती बिजी गई गेहूं का तना अभी कमजोर था, जिस कारण हवा चलते ही गेहूं जमीन पर लेट गई। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि जिस गेहूं के खेत में किसान द्वारा अभी पानी लगाया गया था, तेज हवाएं चलने से वह फसल बिछ गई है जबकि जहां पानी नहीं लगाया गया था, वहां गेहूं की फसल का बचाव है। अगर आगे तेज हवाएं चलती है या बरसात होती है तो गेहूं की काफी फसल बिछ सकती है।

किसान अभी भी भयभीत है क्योंकि मौसम विभाग ने 3 अप्रैल तक बरसात व तेज हवाएं चलने की भविष्यवाणी कर रखी है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि बरसात के बाद अब तेज हवाएं चलती है तो गेहूं की सफल नीचे गिरकर इसका दाना काला पड़ सकता है। ऐसे में गेहूं उत्पादक किसानों को ज्यादा नुकसान हो सकता है।

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